Tuberculosis: हिमाचल के नूरपुर में एसडीएम कार्यालय के सभागार में कांगड़ जिले के नूरपुर स्वास्थ्य खण्ड द्वारा क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम गुरसिमर सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने टीबी मुक्त भारत अभियान को उच्च प्राथमिकता देना तथा इस अभियान को जनआंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है।
एसडीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए चलाए जा रहे अभियान को और व्यापक तरीके से चलाने व इसे सफल बनाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाने के साथ अन्य विभागों व लोगों को इससे जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को झुग्गी -झोपड़ियों में रहने वालों तथा ईंट भट्ठों में काम करने वाले लोगों में टीबी बीमारी की नियमित जांच को जरूरी बनाने हेतु विशेष ध्यान देने पर बल दिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी रोगियों को निशुल्क उपचार के साथ निक्षय पोषण योजना के तहत 6 माह तक निक्षय मित्र पोषण किट उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से टीबी रोगियों की मदद के लिए अन्य विभागीय अधिकारियों को भी जोड़ कर उन्हें निक्षय मित्र बनाने का आग्रह किया।
एसडीएम ने कहा कि यह चिंता की बात है कि टीबी रोग से युवा पीढ़ी भी ग्रसित हो रही है। उन्होंने बताया कि नूरपुर स्वास्थ्य खण्ड में वर्तमान में 113 टीबी रोगी उपचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। उन्होंने कहा कि समाज में इस बीमारी को लेकर अभी भी हीनभावना है । इस भ्रम को समाज से दूर करने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। इस मौके पर बीएमओ डॉ दिलवर सिंह ने पीपीटी के माध्यम से टीबी मुक्त अभियान बारे विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर टीबी बीमारी को मात दे चुके टीबी चैंपियन निखिल चौधरी तथा संतोख सिंह ने भी बीमारी तथा उपचार बारे अनुभव साझा किए।
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