India News (इंडिया न्यूज़), Tuberculosis, Himachal: प्रदेश में क्षय रोग से पीड़ितों को अब उपचार के लिए अस्पतालों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में अस्पतालों का स्तर निर्धारित कर दिए हैं और तीन चरण बना दिए हैं। हेल्थ वेलनेस सेंटर, अस्पताल और आयुष अस्पताल में टीबी मरीज का आकलन किया जाएगा। अगर मरीज क्षय रोग से अधिक पीड़ित है तो उसे बड़े अस्पताल में रेफर किया जाएगा। इससे जहां मरीज को तुरंत उपचार की सुविधा मिलेगी।
वहीं मरीज को परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले अधिक क्षय रोग से पीड़ित मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अधिक समस्या गंभीर टीबी मरीजों को हो रही थी। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सही उपचार और भर्ती नहीं किया जाता था। ऐसे में मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अंत में मरीज को टीबी या क्षेत्रीय अस्पताल रेफर किया जाता था।
इस कारण टीबी और अधिक बिगड़ जाती थी। इसे देखते हुए महकमे ने अब स्तर को निर्धारित किया है ताकि कम टीबी मरीज को पीएचसी स्तर पर ही उपचार की सुविधा दी जाए। अगर मरीज गंभीर है तो उसके 18 लक्षणों को जांच करने के बाद सीधे जिले के बड़े अस्पतालों में उपचार के लिए सुविधा दी जाएगी। इन मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को टीबी मुक्त करने के लिए 2024 का लक्ष्य निर्धारित किया है।
लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महकमा तेजी से काम कर रहा है। मरीजों का पता लगाने के लिए विभाग की ओर से एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके साथ अस्पतालों में आ रहे संदिग्ध टीबी मरीजों के भी सैंपल जांचे जा रहे हैं। इसके चलते विभाग ने अब अस्पतालों का स्तर निर्धारित कर दिया है ताकि सही तरीके से मरीज का उपचार संभव हो सके।
पहले स्तर में उन अस्पतालों को रखा गया है जहां पर टीबी मरीजों को भर्ती करने की सुविधा नहीं होगी। यहां पर केवल मामूली टीबी मरीजों को उपचार दिया जाएगा। दूसरे स्तर पर मरीजों को दाखिले समेत अन्य कई प्रकार की सुविधा दी जाएंगी। इसके साथ तीसरे स्तर में जिले के बड़े अस्पतालों को शामिल किया गया है। जिला सोलन में महकमे द्वारा किया गया स्तर निर्धारित।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. एके सिंह ने बताया कि मरीज के 18 लक्षणों को देखते हुए अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। इससे मरीजों को काफी फायदा होगा और तुरंत उपचार मिलेगा। जिले में सभी अस्पतालों का स्तर निर्धारित कर दिया है और टीबी उन्मूलन को लेकर काम किया जा रहा है।
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