India News (इंडिया न्यूज़), Una Liquor Case, Himachal: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पकड़ी गई नकली होलोग्राम व मार्का स्टीकर शराब जांच में पीने योग्य नहीं निकली है। इसका खुलासा कंडाघाट स्थित लैब की जांच रिपोर्ट में हुआ है। लैब रिपोर्ट में साफ तौर पर शराब के सैंपल को पीने योग्य नहीं बताया है। दस दिन में नकली शराब का भंडाफोड़ न होता तो यह नकली होलोग्राम व स्टीकर वाली शराब कई घर तबाह कर सकती थी। हालांकि कुछ शराब पेटियां मैहतपुर, ऊना और हरोली में इस शराब की बंटी है, लेकिन बड़ी खेप बंटने से पहले ही पुलिस गोदाम में पहुंच गई।
पुलिस की अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस पूरे मामले में अब कुल छह गिरफ्तारियां हुई हैं। जबकि ऊना पुलिस की जांच जारी है। पुलिस ने रसायनिक परीक्षण के लिए नकली होलोग्राम व स्टीकर वाली शराब के कुछ सैंपल कंडाघाट स्थित लैब को भेजा था। लैब की रिपोर्ट में बताया गया कि शराब के नमूने पीने योग्य नहीं हैं। इनमें सस्पेंडड पार्टिकल पाए गए हैं। कुछ नमूनों में अल्कोहल की मात्रा भी मानकों से भिन्न से पाई गई है। जबकि दो नमूनों में बैच संख्या और मैन्यू फेक्चरिंग तिथि नहीं है। लैब रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए पुलिस को भेजी गई है।
मंडी के जहरीली शराब केस के आरोपियों द्वारा ही ऊना में नकली होलोग्राम अथवा स्टीकर शराब का कारोबार शुरू किया गया। परंतु ये लोग मात्र दस दिन में ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस जांच में मुख्य आरोपी गौरव मिन्हास ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गौरव मिन्हास उर्फ गौरू और सागर सैनी ने मंडी जहरीली शराब मामले में जमानत मिलने के बाद यह कारोबार शुरू करने की रणनीति बनाई। गौरव मिन्हास ने पुलिस पूछताछ में बताया कि सागर सैनी और वह दोनों मिले।
इसके बाद रूद्रपुर में लिंक होने की बात कहते हुए शराब कारोबार दोबारा शुरू करने को लेकर चर्चा की। दोनों ने उत्तराखंड के रूद्रपुर में भी यह काला कारोबार शुरू किया, लेकिन यहां मामला उजागर होने के बाद यह कारोबार ऊना में शुरू किया। यहां बाकायदा यह कारोबार नियोजित तरीके से शुरू किया। सप्लाई, गोदाम, लेबर, डिस्टिल वाटर समेत अन्य चीजों की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों की थी। मुख्य आरोपी गौरव मिन्हास लेबर, गोदाम और अन्य की जिम्मेदारी निभाता था।
जबकि सागर सैनी लेवल, पानी समेत अन्य चीजों को बनवाने और लाने का काम करता था। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि सप्लाई करने वाले दो लोगों का इस पूरे कारोबार में 25 प्रतिशत हिस्सा था। वहीं, पुलिस पूछताछ में दूसरे आरोपी सागर सैनी ने इस पूरे मामले में उसका कोई हाथ न होने की बात अब तक कही है। सागर सैनी को कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट से जमानत पर सशर्त रिहा हुआ है। वह पुलिस जांच में सहयोग करेगा। आरएफएसएल धर्मशाला की लेवल व होलोग्राम, आरएफएसएल मंडी की जले हुए सामान की रिपोर्ट आना बाकी है। नकली शराब बनाने के लिए इथेनाल के कनेक्शन वेस्ट बंगाल से जुड़ रहे हैं। इस पर भी पुलिस जांच कर रही है।
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