India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Vikramaditya Singh: हिमाचल की लोकसभा सीट से मंडी से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे व हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारा। हिमाचल के मंडी में भाजपा की कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) के बीच मुकाबला रहा। ऐसे में जानते है उनके राजनीति सफर के बारें में।
विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस के राजनेता हैं। वे वर्तमान में शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य हैं। वे हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। उनकी सक्रिय राज्य राजनीतिक यात्रा 2013 में शुरू हुई और वे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में शामिल हो गए। वे वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक हिमाचल प्रदेश राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 10 जुलाई 2021 को अपने पिता की मृत्यु के बाद, विक्रमादित्य सिंह को रामपुर के पदम पैलेस में एक निजी समारोह में बुशहर की तत्कालीन रियासत के राजा का ताज पहनाया गया। उनके पिता स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह थे, जो हिमाचल प्रदेश के छह बार पूर्व मुख्यमंत्री रहे। विक्रमादित्य सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से इतिहास में बी.ए. और सेंट स्टीफन कॉलेज से एम.ए. किया
विक्रमादित्य की सक्रिय राज्य राजनीतिक यात्रा 2013 में शुरू हुई और वे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कमेटी से जुड़े। उन्हें साल 2013 में 2017 तक हिमाचल प्रदेश राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
विक्रमादित्य का जन्म 1989 में हुआ और उन्होंने हिमाचल के बिशप स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से पढ़ाई की। वह खेलों में खासी रुचि रखते हैं। उन्होंने नेशनल लेवल पर राज्य का प्रतिनिधित्व किया है। 2007 में उन्होंने ट्रैप शूटिंग में कांस्य पदक जीता था।
एक बार उन्होंने पीएम मोदी के फैसले की तारिफ की थी। जिसकी प्रशंसा पीएम मोदी ने भी की थी। उस वक्त काफी सुर्खियों में रहे। जब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का फैसला किया तो उन्होंने इसका स्वागत किया।
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