हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बाद अब कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह दिल्ली पहुंच गए हैं। विक्रमादित्य सिंह तीन दिन के दौरे पर दिल्ली में हैं और दिल्ली में वे केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने वाले हैं ।
विक्रमादित्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे प्रदेश के विकास के लिए केंद्र का सहयोग चाहते हैं जिसके लिए वे दिल्ली जाएंगे। केंद्र की तरफ से जिन मुद्दों के समाधान में आनाकानी की जाएगी उन मुद्दों को सुलझाने के लिए हक की लड़ाई भी लड़ी जाएगी। विक्रमादित्य सिंह सुक्खू सरकार में PWD मंत्री हैं और लोक निर्माण विभाग में Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के पास फंसा हुआ है। करीब 2600 करोड़ रुपए के इईस प्रोजेक्ट पर हिमाचल सरकार की तरफ से सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं लेकिन मामला दिल्ली में फंसा हुआ है। केंद्र से एक टीम भी हिमाचल का दौरा कर चुकी है और टीम की तरफ से करीब 600 किमी तक की सडकों का निर्माण फुल डेफ्थ रेक्लेमेशन यानि FDR के आधार पर करने की बात कही थी औऱ इसे लोक निर्माण विभाग की तरफ से स्वीकार भी कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) में ट्रायल के आधार पर पीडब्ल्यू विभाग सड़कों के निर्माण में जर्मन तकनीक अपनाने की बात कर रहा है लेकिन इस पर तभी काम हो पाएगा जब केंद्र की तरफ से मंजूरी दी जाएगी। ऐसे में मंत्री विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं। विक्रमादित्य ने कहा कि उनके दौरे के बाद अगर केंद्र इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे देता है तो ये उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी साथ ही प्रदेश के विकास के लिए बतौर मंत्री वे लगातार प्रयास करते रहेंगे। दिल्ली दौरे के दौरान फोरलेन समेत कई और मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना है।