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Chaitra navratri 2023: हिमाचल के कांगड़ा में स्थित है ऐसा मंदिर जहां नवरात्रि में दर्शन करने से पूर्ण होती है मनोकामना

• LAST UPDATED : March 21, 2023

Chaitra navratri 2023: हिमाचल प्रदेश को देवी देवताओं की देवभूमि माना जाता है। यहां पर कई देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर है। जिला कांगड़ा की नूरपूर विधानसभा के अन्तर्गत माता रते घर वाली माता का प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर है। जिसपर लोगों का सदियों से आस्था और विश्वास बना हुआ है। मान्यतानुसार इस माता के मंदिर का इतिहास बहुत ही विश्वसनीय , ऐतिहासिक है यह माता मंदिर सन 1942 एक गद्दी समुदाय एक व्यक्ति ने सबसे पहले स्थापना की थी और उसी ने इस माता मन्दिर का नाम रते घर वाली माता रखा था। पुराने समय में माता के मन्दिर में लोग पैदल पहाड़ी रास्तों से जाया करते थे सदियों से माता के दर से जिसने भी जो सच्चे मन से मांगा है उसकी मनोकामना पूरी हुई है। जैसे जैसे माता पर श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ती गई वैसे वैसे माता के मंदिर का विकास भी होना शुरू हो गया।

अब स्थानीय लोगों द्वारा यहां देखभाल के लिए एक कमेटी बनाई गई है जो इस मंदिर की देखभाल करती है। सरकार और लोगों के सहयोग से अब यहां सड़क,पानी बिजली इत्यादि सभी सुविधाएं हैं यहां पर हिमाचल, पंजाब, जम्मू से श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। नवरात्रों में यहां दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और यहां नौ दिन मेला लगता है मंदिर कमेटी की तरफ से अष्टमी नवमी को बड़ा मेला लगता है नवमी को हवन पूजा अर्चना तथा विशाल लंगर लगाया जाता है इसके साथ ही बीएसएफ के जवानों अपने साथियों के साथ आकर भी बड़ी श्रद्धा भावना से लंगर का आयोजन करते हैं।

प्राचीन रते घर वाली माता मंदिर का रहस्यमयी इतिहास

मंदिर कमेटी सचिव परशोतम शर्मा ने बताया कि यह मंदिर 1942 में बनाया गया है। इस मंदिर को एक गद्दी समुदाय के व्यक्ति ने करवाया था क्योंकि इस समुदाय का एक व्यक्ति यहां पर अपनी भेड़ बकरियों को लेकर आया था अचानक उसकी भेड़ बकरियां घूम हो गई तो उसने अपने साथ जो बन्नी माता का त्रिशूल रखा था उसे निकाल कर पूजा की और अपनी समस्या बताई और मन्नत मांगी । माता ने हुक्म दिया कि इस पहाड़ी पर मेरा मंदिर बना दो और मेरा नाम रते घर वाली माता रखना। थोड़ी देर बाद उसकी भेड़ बकरियां भी मिल गई। माता रते घर वाली के ऐसे कई किस्से हैं। यहां लोग मन्नते मांगते हैं माता रानी पूरी करती।

जो श्रद्धालु मन्नत मांगता उसकी मनोकामना होती है पूर्ण

मंदिर कमेटी प्रधान ने कहा कि मैं जब से सेना से रिटायर होकर आया हूं माता की सेवा में लगा हुआ हूं माता रानी सबकी मुरादें पूरी करती है। श्रद्धालु ने कहा कि मैंने दस पन्द्रह साल पहले यहां मन्नत मांगी थी मेरी मन्नत पूरी हुई थी। आज मैं अपनी बहन के साथ आई हूं, उन्होंने भी मन्नत मांगी थी उनकी भी मन्नत पूरी हो गई है। यहां माता के दरबार में आकर दर्शन करने और मन्नत मांगने से सबकी मनोकामना पूरी करती है।

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