India News (इंडिया न्यूज़), Waterborne Diseases, Himachal: हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे पीलिया और डायरिया के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार ने अलर्ट हो गई है। अस्पतालों में प्रतिदिन पांच से सात मरीजों में जलजनित रोग की पुष्टि हो रही है। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पताल प्रशासन और जिला चिकित्सा अधिकारियों को प्रर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध रखने को कहा है। जल शक्ति विभाग को भी पानी की जांच करने के निर्देश दिए हैं। जहां पानी पीने योग्य नहीं है, वहां सूचना पट्टिका लगाने के लिए कहा है।
इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज (आईजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला, कांगड़ा के टांडा, हमीरपुर, नेरचौक, चंबा और नाहन मेडिकल काॅलेज के अलावा जिला अस्पतालों में जलजनित रोगों के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा है। डाॅक्टर ओपीडी में आने वाले मरीजों को जागरूक कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि गंदे पानी के कारण ही डायरिया का जीवाणु शरीर में प्रवेश करता है। जिससे पीलिया के बाद डायरिया होने का भी खतरा रहता है। जिस वजह से डॉक्टर पीलिया रोग ठीक होने के बाद भी सावधानी बरतने की सलाह देते है। डायरिया के बैक्टीरिया पीलिया होने से पहले भी शरीर पर आक्रमण कर सकते है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लोगों को फिल्टर पानी उपलब्ध कराने की पहल शुरू की है। राजभवन शिमला के नजदीक पानी फिल्टर करने के लिए उपकरण स्थापित किया जा रहा है। इस टैंक से छोटा शिमला और आसपास के क्षेत्रों के लिए पानी की आपूर्ति होती है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी पानी के फिल्टर करने की योजना शुरू की जानी है।
शरीर के अंदर का तापमान कम होने से उल्टी और दस्त की शिकायत हो जाती है। छोटे बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। इसके अलावा भी कई कारण हैं, जिनकी वजह से डायरिया हो सकता है। पीलिया ग्रस्त मरीज का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। इस कारण उसके शरीर में कुछ टिक नहीं पाता और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में वह व्यक्ति भी डायरिया की चपेट में आ जाता है। बचाव क लिए ठंड से परहेज रखना होगा। दूषित पानी पीने से डायरिया का बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसलिए पानी उबाल कर पीयें। तरल पदार्थ और हल्का भोजन ज्यादा करें।
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