इंडिया न्यूज़,ऊना
Wheat Procurement Centers Established किसानों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आने वाले वैसाखी पर्व के साथ ही जिला ऊना में कई स्थानों पर गेहूं की कटाई का काम भी शुरू हो गया है। बेशक किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए प्रदेश सरकार ने भारतीय
खाद्य निगम की मार्फत जिले के कांगड़ व टकारला में गेहूं खरीद केंद्र स्थापित कर दिए हैं लेकिन जिला के किसानों को अब अपनी उपज के लिए इन्हीं केंद्रों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
पड़ोसी राज्य पंजाब में इस बार भी हिमाचली किसान अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे। पड़ोसी राज्य पंजाब के सीमावर्ती जिला होशियारपुर में स्थापित किए गए गेहूं खरीद केंद्रों पर इस आशय के फरमान जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में गेहूं की उपज बेचने के लिए किसानों में इस बार हाहाकार मच सकता है। सीमावर्ती जिला ऊना में कृषि लोगों का प्रमुख व्यवसाय है। जिले में गेहूं की उपज भी बड़े पैमाने पर होती है। यही नहीं बल्कि किसानों को अब ऑनलाइन पंजीकरण के साथ स्लॉट बुकिंग की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा।
इस बार पंजाब ने फिर से हिमाचल प्रदेश की गेहूं खरीदने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। पुख्ता सूत्रों की मानें तो पंजाब पुलिस द्वारा बार्डर पर स्थापित किए गए चेक पोस्ट पर भी पुलिस जवानों को गेहूं लेकर आने वाले वाहनों को पंजाब में एंट्री न देने को कहा गया है तो पंजाब के गेहूं खरीद केंद्रों पर भी बाहरी राज्यों से आने वाले किसानों की उपज न खरीदने के फरमान जारी हो गए हैं। पिछले साल गेहूं खरीद केंद्र टकारला पर फैली अव्यवस्थाओं के चलते किसानों को रोष प्रदर्शन तक करने पड़े थे।
हालांकि जिले के टकारला में स्थापित गेहूं खरीद केंद्र पर 72 हजार क्विंटल तो कांगड़ में पचास हजार क्विंटल गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। उधर कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. अशोक कुमार का कहना है कि जिले के दो गेहूं खरीद केंद्रों पर एक लाख बाइस हजार क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है अगर इससे ज्यादा उपज हुई तो उसे भी खरीदा जाएगा लेकिन किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। उधर पंजाब के होशियारपुर के जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनु बाला का कहना है कि होशियारपुर के गेहूं खरीद केंद्रों पर पंजाब के किसानों की उपज की ही खरीद होगी।
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