India News (इंडिया न्यूज़), World Breastfeeding Week 2023: लंबे वक्त तक मां का दूध पीने से बच्चे की इम्यूनिटी बहुत मजबूत होती है और उसे हर तरह की बीमारी से आसानी से लड़ने में ताकत मिलती है। बच्चे की जरुरत का संपूर्ण आहार मां के दूध में होता है। साथ ही साथ बच्चे का पाचन तंत्र भी सुधरता है।
ब्रेस्टफीडिंग कराने से महिलाओं में पीरियड्स होने के चांसेस कम होते हैं। जिसव कारण उन्हें पीरियड्स से भी ब्रेक मिलता है। कहा जाता है कि एसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान ओवुलेशन नहीं होता है।
ब्रेस्टीफीडिंग के बाद डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा कम रहता है। बच्चे के जन्म के 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग करवाना बेहद जरूरी होता है।
ब्रेस्ट मिल्क पंप करने से भी कुछ महिलाओं को ठीक नहीं लग सकता है। कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट में इंफेक्शन होने का खतरा हो जाता है। कुछ महिलाओं को डिलीवरी के शुरुआती सप्ताह में ब्रेस्टफीडिंग करवाने में काफी दर्द महसूस होता है।
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