India News (इंडिया न्यूज), Gulf Stream Collapse: एक बार फिर से मिनी आइस एज के लौट आने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल एक रिपोर्ट में 2025 की शुरूआत से गल्फ स्ट्रीम के ढहने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि गल्फ स्ट्रीम उत्तरी अटलांटिक रीजन की जलवायु को कंट्रोल कराता है। ऐसे में अगर ये पिघल जाता है या ढह जाता है तो मौसम का मिजाज बदल सकता है और अटलांटिक की ठंडी हवायों से एक बार मिनी आइस एज का माहौल बन सकता है।
एक पुराने रिसर्च में कहा गया है कि 2025 की शुरुआत में, ग्लेशियरों के पिघलने से गल्फ स्ट्रीम ढह सकती है, जिससे एक आवश्यक समुद्री गतिविधि बंद हो जाएगी। उत्तरी अमेरिका, एशिया के कुछ क्षेत्रों और यूरोप के कुछ हिस्सों में औसत तापमान इस अतिरिक्त गर्मी के बिना कई डिग्री तक कम हो सकता है। कुछ दशकों में यह 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इनमें तूफ़ान की फ्रिक्येंसी में वृद्धि, बरसात के मौसम में बड़े रूकावट शामिल हैं।
द गार्जियन के अनुसार, रिपोर्ट में पाया गया है कि अगर वैश्विक कार्बन एमीशन में गिरावट नहीं होती है, तो 2025 और 2095 के बीच 2050 तक गल्फ स्ट्रीम के ढह जाने की पूरी संभावनाएं हैं। आधिकारिक तौर पर गल्फ स्ट्रीम को अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन या अमोक के रूप में जाना जाता है।
नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल की रिसर्च में समय के साथ समुद्री धाराओं की ताकत में बदलाव के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में 1870 (जब छोटा हिमयुग समाप्त हुआ) तक के समुद्री सतह के तापमान डेटा का उपयोग किया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने इस डेटा को उन प्रणालियों में देखे गए पथ पर मैप किया जो एक विशेष प्रकार के टिपिंग बिंदु पर पहुंच रहे हैं जिसे “सैडल-नोड बाइफरकेशन” कहा जाता है।
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