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Chanakya Niti: चाणक्य नीति से अनुसार जीवन में सफलता के लिए मुर्गे से सीखें ये चार गुण

• LAST UPDATED : May 15, 2023

 Indai News (इंडिया न्यूज़) Chanakya Niti: चाणक्य के बारे में हिंदुस्तान में लगभग सभी लोग जानते है। चाणक्य या कोटिल्य एक ऐसे पंडित थे जो अपनी बुद्धि का बिल्कुल सटिकता से प्रयोग किया करते थे। उनकी बुद्धि का अंदाजा इस बात से से लगा सकते है कि उन्होंने अपनी बु्द्धि के बल पर एक साधारण बालक को उस वक्त से सबसे बड़े राज्य मगध के राजसिंगघासन में बैठा दिया था। ये ही नहीं उनकी मनुष्य की मनोविज्ञान स्थिति, समाजव में पकड़, राजनीतिक ज्ञान, और व्यापार से संबंधित जानकारियां पर इतनी अधिक पकड़ थी कि उन्होंने उस वक्त इन सब के सहारे ऐसे समाज और राज्य का निर्माण किया था, जिसकी मदद से भारत कई वर्षों तक अखंड भारत बना रहा।

आज भी चणक्य के द्वारा लिखा गया ज्ञान पूरी भारत में प्रचलित है। इस ज्ञान को चाणक्य नीति कहा जाता हैं। चाणक्य नीति में चाणक्य ने मनुष्य को राजनीतिक, व्यहवारिक, समाजुक, व्यपारिक सफलता के मंत्र दिए है। जिसकी मदद से कई लोग अपनी सफता को प्राप्त करते हैं।

चाणक्य के अनुसार मनुष्य जीवन काफी छोटा है। अगर आप कुछ भी सीखने के लिए सभी अनुभवों का प्रयोग खुद पर करेंगे तो जीवन खात्म हो जाएगा और आप सभी तरह के ज्ञान को नहीं जान पाएंगे। ऐसे में चाणक्य ने मनुष्य को पशुओं से कुछ महत्मपूर्ण बाते सीखने पर विषेश ध्यान दिया है। उन्होंने अलग-अलग पशु से 20 गुण सिखने के लिए चाणक्य नीति में कहा हैं। जिसमें मुर्गे, सिंह, बगुले, कुत्ते, कोयल और गधे की बात कही गई है। आज हम अपको चाणक्य द्वारा संसकृत में लिखे श्लोक के अर्थ के माध्य से मुर्गें से सिखे जाने वाले चार गुणों के बारे में बताने जा रहे है…….

श्लोक- प्रत्युत्थानं च युद्ध च संविभागं च बन्धुषु।
स्व्यमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।

चाणक्यनीति के इस श्लोक के अनुसार मर्गे से ये चार गुण जरुर सीखने चाहिए।

  1. सुबह- सुबह जागना,
  2. युद्ध के समय पीछे न हटना
  3. अपने साथियों के साथ वस्तु का बराबर भाग करना
  4. युद्ध के समय सबसे पहले खुद चढ़ाई करके किसी से अपना हिस्सा या आहार छीन लेना

 

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