India News(इंडिया न्यूज़), World Environment Day 2023: देशभर में हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस विशेष दिन को लोग जनसहभागिता के रूप में मनाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। हालांकि आज के औद्योगीकरण के दौर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चिंता का विषय बन गया है। जिसके चलते पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके। साथ ही लोगों को इससे निपटने के लिए कदम उठाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। जिससे की आने वाली पीढ़ी को बेहतर कल दे सकें। तो आज हम आपको बताएंगे आखिर पर्यावरण दिवस की शुरुआत कब हुई थी, इसका महत्व क्या है, और घूमिने के 5 ईको-फ्रेंडली जगहें? तो आइये जानते हैं-
विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया गया। वहां, पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण पर स्टॉकहोम (स्वीडन) में पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन के माध्यम से 119 देशों ने हिस्सा लिया था। सभी ने एक धरती के सिद्धांत को मान्यता देते हुए हस्ताक्षर किए। बता दें, इसके बाद 5 जून को सभी देशों में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाने लगा। अगर बात भारत की करें तो 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ।
बता दें, विश्व पर्यावरण दिवस के लिए प्रतिवर्ष एक खास थीम तय की जाती है, जिसके अनुसार यह मनाया जाता है। तो जानें पिछले 5 सालों में क्या-क्या थीम रही।
साल थीम
2019 ‘वायु प्रदूषण’
2020 ‘जैव विविधता’
2021 ‘पारिस्थिकी तंत्र (इकोसिस्टम) का संरक्षण’
2022 ‘सिर्फ एक पृथ्वी’
2023 Solutions to Plastic Pollution
बता दें कि दुनिया भर में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते प्रकृति पर खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है। लोगों को पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। इस दिवस को दुनियाभर में मनाने का उद्धेश्य पर्यावरण की समस्याओं को मानवीय चेहरा देने के साथ ही लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था।