India News (इंडिया न्यूज़), Kullu News, Himachal: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में रविवार को सायर पर्व मनाया गया। सायर संक्रांति पर ईष्ट देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद जूब देकर बड़ों का आशीर्वाद लिया। पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू से घाटी महक उठी। सायर संक्रांति पर मेलों का भी आगाज हो गया है। पड़ेई, ब्यासर, हलाण-एक, तांदला गांवों में मेले शुरू हो गए हैं। सुबह देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद जूब देने का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम तक चलता रहा।
घरों में अपने से बड़ों को जूब देकर आशीर्वाद लिया गया। खराहल, ऊझी, पार्वती घाटी, बंजार और सैंज में सायर संक्रांति के मौके पर पारंपरिक व्यंजन भी बनाए गए। घी, सिड्डू, भल्ले, भटरू आदि व्यंजन मेहमानों को परोसे गए। गांवों में बच्चों की टोलियां जूब देने निकलीं। बच्चों की टोलियों को अखरोट, मिष्ठान आदि दिए गए।
खराहल घाटी के रविंद्र सिंह, डाबे राम, पार्वती घाटी के डीणे राम और जगदीश ने कहा कि पर्व हमें अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं। युवा पीढ़ी को इन्हें मनाने में अधिक दिलचस्पी लेनी चाहिए। जिला देवी-देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि सायर साजा (उत्सव) सात दिन तक मनाया जाता है। जूब देने का सिलसिला सात दिन तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि सर्दियों की आहट पर इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला मुख्यालय स्थित भगवान रघुनाथ मंदिर में रविवार को विशेष पूजा-अर्चना हुई। मंदिर में श्रद्धालुओं ने माथा टेका और आशीर्वाद लिया। मंदिर में सभी देव परंपराओं का निर्वहन किया गया। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह का कहना है कि सायर पर्व जिले के प्रमुख त्योहारों में से एक है।