India News (इंडिया न्यूज़) Kullu: मार्कंडेय ऋषि और लगघाटी के देवता फलाणी नारायण ने लोगों के नशे की लत खत्म का दी है। दोनों देवताओं ने अपने क्षेत्र में नशा करने वालों का आना-जाना वर्जित कर रखा है। लोग इस नियम का पालन भी करते हैं।
देवभूमि में देवी-देवताओं के आदेश कारकूनों और हारियानों के लिए सर्वोपरि हैं। पौराणिक परंपराओं और देव आदेशों का पालन आज भी किया जाता है। बंजार उपमंडल के मार्कंडेय ऋषि और लगघाटी के देवता फलाणी नारायण ने लोगों की शराब पीने और धूम्रपान करने की लत को खत्म कर दिया है। इन दोनों देवताओं ने अपने क्षेत्र में नशा करने वालों का आना-जाना मना कर रखा है।
बता दें कि देवता मार्कंडेय ऋषि (कोठी मंगलौर) का विशेष स्थान मम्जां गांव में है। देवता के आदेश के मुताबिक यहां शराब का सेवन करना और पीकर आना पूरी तरह मना है। अगर कोई व्यक्ति मम्जां गांव से दूसरे गांवों में जाना चाहता है, लेकिन उसने शराब का सेवन कर रखा हो, ऐसे में उस व्यक्ति को गांव के बाहर से जाना पड़ता है।
देवता मार्कंडेय ऋषि के स्थान मम्जां गांव में शादी-विवाह या किसी भी समारोहों में नशा करने पर रोक है। गांव में किसी भी मौके पर कोई भी शराब का सेवन नहीं कर सकता है। साथ ही इस गांव के लोग कुर्सी और टेबल भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। मान्यता के अनुसार देवता के सामने ऊंचे आसन में बैठना देव परंपरा का उल्लंघन करना माना जाता है।
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