इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
आईटीवी नेटवर्क (ITV Network) ने भारतीय समाचार टेलीविजन पर एक ऐतिहासिक सीरीज मुख्यमंत्री मंच (mukhyamantree manch) शुरू की है।
अगले 20 दिन में मुख्यमंत्री मंच प्रतिदिन देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ एक संवादात्मक साक्षात्कार (Interview) प्रदर्शित करेगा।
इसके तहत राज्य के लोगों को कैमरे और सोशल मीडिया के जरिए अपने मुख्यमंत्री से सवाल पूछने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री युवाओं, विशेषकर फर्स्ट इन क्लास (first in class) द्वारा तैयार किए गए छात्रों का मार्गदर्शन भी करेंगे। मुख्यमंत्री मंच के 5वें शो में असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Dr. Himanta Biswa Sarma) ने शिरकत की।
मुख्यमंत्री डा. हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने 1 साल के कार्यकाल में किए कामों के बारे में बात करते हुए कहा कि पिछले 1 साल में विकास को गति मिली है।
केपिटल इन्वेस्टमेंट और नई परियोजनाओं में काफी काम हुआ। जनता को मिलने वाली हर सेवा को हमने डिजिटल किया है। पिछले कई सालों से सरकारी फाइलों में बंद काम को हमने दोबारा चालू किया है।
चुनाव के दौरान जनता से किए वादों को हम पूरा कर रहे हैं। वर्ष 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को सिलसिलेवार असम की यात्राओं की वजह से असम को एक अलग पहचान मिली है।
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का चुनावी मुद्दा सिर्फ विकास नहीं है। हम भारत को दुनिया में एक बार फिर विश्वगुरु की पहचान दिलाना चाहते हैं।
भाजपा के हिंदू राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर सीएम हिमंत ने कहा कि भाजपा विकास और सभ्यता को साथ आगे बढ़ा रही है। भारत के संविधान में सेक्युलर शब्द लिखना गलत है।
हम तो पिछले 5 हजार सालों से सेक्युलर (secular) हैं। संविधान में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने सोशलिज्म (socialism) और सेक्युलरिज्म (secularism) शब्द डाला।
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के मुद्दे पर सीएम हिमंत ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश का मामला है। इस मामले में मैं ज्यादा कुछ नहीं जानता।
भारत में मुस्लिम 11वीं शताब्दी में आया और हिंदू पिछले 5 हजार सालों से यहां हैं। समाज में मौजूद मुसलमानों के पूर्वजों ने यह मंदिर बनाया होगा।
यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर सीएम हिमंत ने कहा कि यह आवाज मुस्लिम समाज से ही उठनी चाहिए। अब समय आ गया है कि हमारी माताएं-बहनों को बराबर के अधिकार मिलने चाहिएं।
हम आजादी के 75 वर्ष मना रहे हैं लेकिन पता नहीं क्यों अभी तक यह आवाज नहीं उठी। असम में मौजूद मुस्लिम भाइयों में से किसी ने एक से ज्यादा शादी नहीं की है।
असम में मुस्लिम परिवार में बेटियों को भी जमीन में बराबर का हक (equal rights in land) दिया जाता है। इस समय लोगों में यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
लोगों को पता चलेगा कि यूनिफार्म सिविल कोड आपको एक बराबर अधिकार देता है। आपके धर्म में दखलअंदाजी नहीं करता। इसमें आप बिना पहली शादी का तलाक लिए दूसरी शादी नहीं कर सकते और बेटियों को भी जमीन में समान अधिकार मिलते हैं।
सीएए पर सीएम हिमंत ने कहा कि सीएए कानून (CAA Law) भी लागू हुआ है लेकिन कोरोना काल के चलते ठीक ढंग से लागू नहीं हो पाया। सीएए और यूसीसी (UCC) को एक सत्र में एक्शन में नहीं ला सकते।
अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर (Lord Shri Ram Temple in Ayodhya) भी दूसरे कार्यकाल में शुरू हो पाया। इन कानूनों को लागू करने के लिए हमें धैर्य रखना होगा। तभी ये लागू हो पाएंगे।
असम में निवेश पर सीएम हिमंत ने कहा कि असम में पर्यटन में बहुत सम्भावना है। हम एक योजना पर विचार कर रहे हैं। इसके अंतर्गत अगर आप असम में 100 करोड़ से ज्यादा का निवेश करना चाहते हैं, तो हम आमने-सामने बैठकर आपको एक अनुकूल इंडस्ट्री पालिसी प्रदान करेंगे।
अगर कोई कम्पनी असम में 100 करोड़ से ज्यादा का निवेश करना चाहती है तो हम उन्हें सब्सिडी भी देंगे।
साथ ही अगर वो मुफ्त जमीन की मांग करते हैं तो वह भी हम उन्हें देंगे लेकिन अभी हम इस योजना पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही कैबिनेट की सहमति के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
असम में परिवहन के बारे में सीएम हिमंत ने कहा कि भारत सरकार सभी रेल ट्रैक को इलेक्ट्रिफिकेशन का काम करवा रही है। एयरपोर्ट का विकास हुआ और उत्तर-पूर्व में आपको एयर कनेक्टिविटी मिलेगी।
गुवाहाटी एयरपोर्ट (Guwahati Airport) को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार भी इकोनामिक कारिडोर को डेवेलप कर रही है।
साथ ही ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर भी पुल बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है जिससे असम के उत्तर-पूर्वी इलाकों तक पहुंचने का समय कम होगा। भारत की सभ्यता और संस्कृति को फिर से स्थापित करना भाजपा का एजेंडा: डा. हिमंत बिस्वा सरमा
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