India News (इंडिया न्यूज़), Chandigarh: ट्राइसिटी में रोड कनेक्टिविटी को लेकरकिए गए संज्ञान से शहर में 1.5 लाख बाहरी वाहनों की संख्या बढ़ गई है। जिस कारण पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस विषय पर अपनी चिंता जताते हुए तुरंत समाधान निकालने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में हरियाणा व पंजाब सरकार का सहयोग जरूरी है और ऐसे में कोर्ट ने दोनों मुख्य सचिव के माध्यम से सरकार को पक्ष बना लिया।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीरियर एडवोकेट अमित झांजी ने बताया कि 2015 में मास्टर प्लान जारी करते हुए इस विषय पर गौर किया जाना चाहिए था। शहर की जनसंख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही निजी वाहनों केइस्तेमाल में भी वृद्घि हुई है लेकिन सड़कें वही हैं। शहर में पंचकूला और मोहाली के अतिरिक्त जीरकपुर, कालका, पिंजौर, खरड़, कुराली और बद्दी आदि से आने वाले वाहनों का बोझ भी पड़ता है। इन सब को देखते हुए ट्राइसिटी का मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाना चाहिए। वैकल्पिक मार्गों को तैयार करने के साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। शहर से लगते हुए क्षेत्र हरियाणा व पंजाब के सहयोग के बिना शहर की सड़कों से वाहनों का बोझ कम करना बेहद मुश्किल है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब इस मामले में हरियाणा व पंजाब सरकार को मुख्य सचिव के जरिए पक्ष बनाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अब सभी पक्षों को अगली सुनवाई पर शहर के बाहर से बायपास निर्माण, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट सहित अन्य विषयों पर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट की एक अन्य बेंच सुनवाई कर रही है। उस मामले में वैकल्पिक मार्ग भी एक विषय है। हाईकोर्ट ने अब यह केस मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया है ताकि वे इन मामलों की एक साथ सुनवाई पर निर्णय लेकर बेंच निर्धारित कर सकें।
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