India News (इंडिया न्यूज़), G-20 Summit: भारत इस साल सबसे बड़ा आयोजन यानी की जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। जैसा की घोषणा काफी बड़ी थी वहीं बता दें की यह सम्मेलन 8 से 10 सितंबर तक चलेगा। जिसके लिए सभी देश और विदेश के नेता नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन में शामिल होगे। ऐसे में दुनिया भर से नेता दिल्ली में आने के लिए उड़ान भर चुके है। वहीं इस बार का G20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए खास इसलिए है क्योकि यह भारत के लिए पहला मौका है जब वह G20 की मेजबानी करने जा रहा है। वहीं यह 100वां G20 शिखर सम्मेलन बोने वाला है।
1991 में जब सोवियत संघ के अंत से कोल्ड वॉर खत्म हुआ। तब ग्लोबल साउथ में जीवंत अर्थव्यवस्थाएँ उभर रही थी, जिनमें भारत, चीन और ब्रजील जैसे देश शामिल थे। जिसके तहत ग्लोबल शासन के होने की जरूरत सामने आई। उस समय G7 तथा वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों को स्थापित किया गया, जो की ग्लोबल ऑडर को बनाए रखने सक्षम हो।
1999 में जा कर G20 का संघटन हुआ। इसकी स्थापना इसमें शामिल सदस्यों- वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की वार्षिक बैठक के लिए एक अनौपचारिक मंच के रूप में की गई थी।
G20 को मूल रूप से 20 लोगों का समूह (Group of Twenty) बोला जाता है , जिसमें 19 देश शामिल किए गए है। जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं।
यह सदस्य 85% ग्लोबल जीडीपी को दर्शाते हैं। साथ ही 75% ग्लोबल ट्रेड और 2/3 वर्ल्ड पॉपुलेशन को भी दर्शाते हैं। वही इंटरनेशनल ग्लोबल कॉरपोरेशन के तहत यह ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड गवर्नर में एक अहम भूमिका निभाते हैं। जिसमें इंटरनेशनल इकोनामिक समस्याएँ के सारे अहम फैसले लिए जाते हैं।
इसके कुछ प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
यह भी पढ़े- Kinnaur Landslide: किन्नौर जिले में निगुलसरी के पास आई भारी लैंडस्लाइड, नेशनल हाईवे पांच परिबद्ध