द्विविवाह या बिगमी का अपराधी : हाईकोर्ट
बता दें कि पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रह रहे पुरुष को हाईकोर्ट ने सुरक्षा देने से इनकार किया है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा कि इस ऐसे पुरुष द्विविवाह या बिगमी का अपराधी हो सकते हैं।
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा 494 के तहत याचिकाकर्ता को द्विविवाह का अपराधी हो सकता है। बता दें कि जस्टिस कुलदीप तिवारी याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पुरुष पहले ही किसी महिला के साथ शादी कर चुका है और इसके बाद भी वह किसी अन्य महिला के साथ लिव-इन में रह रहा है। साथ ही पिछले साथी से बिना तलाक लिए और पिछली शादी के दौरान याचिकाकर्ता क्रमांक 2 (पुरुष) याचिकाकर्ता क्रमांक 1 (लिव-इन पार्टनर) के साथ वासनापूर्ण और व्यभिचारी जीवन जी रहा है, जो IPC की धारा 494-495 के तहत अपराध हो सकता है।