देश के बंटवारे से पहले यहां मंदिर और गुरुद्वारा दोनों हुआ करता था। यहां 1947 तक दिवाली मनाई जाती थी। लेकिन उसके बाद कबाइलियों ने मंदिर और गुरुद्वारे पर हमला कर उसे जला दिया। जिसके कारण यहां फिर कभी दिवाली नहीं मनाई गई।
आपको बता दें कि शारदापीठ देवी सरस्वती का प्राचीन मंदिर है। ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शारदा के निकट किशनगंगा नदी (नीलम नदी) के किनारे है। आधिकारिक तौर पर इस पर भारत का अधिकार है। जानकारी के मुताबिक शारदा पीठ मुजफ्फराबााद से करीब 140 किमी और कुपवाड़ा से करीब 30 किमी दूर है।
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