इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Special report on illegal mining of Shree Cement : श्री सीमेंट (Shree Cement) लगातार अपने ढंग से मनमानी कर रहा है, उसकी इस मनमानी के खिलाफ इंडिया न्यूज (India News) भी लगातार आवाज उठा रहा है। श्री सीमेंट लगातार पहाड़ों का सीना छलनी कर रहा हैं। इन्हें लोगों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं है। श्री सीमेंट बस अपने कारोबार को बढ़ाने में लगा हुआ है। अजमेर के मसूदा में श्री सीमेंट के अवैध खनन से लोगों की जिन्दगी मौत की कगार पर पहुंच गई है।
खनन से उठती धूल से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। श्री सीमेंट को प्रशासन और कानून का बिल्कुल भी डर नहीं है। इंडिया न्यूज की मुहिम का असर हुआ है, एसडीएम प्रियंका बड़गुजर ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इस जांच दल में पंचायत के अधिकारी भी शामिल होंगे।
श्री सीमेंट के अवैध खनन से जिंदगी जहन्नुम बन गई Special report on illegal mining of Shree Cement
मसूदा के लोगों का आरोप है कि श्री सीमेंट के अवैध खनन से उनकी जिंदगी जहन्नुम बन गई है, ब्लास्टिंग की वजह से निकलने वाले पत्थरों की वजह से उनके घर उजड़ गए हैं। खनन से निकलने वाली धूल उनके खेतों में जम रही है, जिसकी वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो रहीं हैं। साथ ही इलाके में पानी का लेवल भी बहुत नीचे जा चुका है जिससे पानी की किल्लत खड़ी हो गई है। मसूदा के लोगों ने कहा है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता।
कर्मचारी भी कंपनी से खफा
श्री सीमेंट के इस मनमाने रवैये से न सिर्फ मसूदा के लोग परेशान हैं, बल्कि यहां काम करने वाले लोग भी कंपनी से खफा हैं। यहां हुए हादसों में कंपनी ने न तो इलाज करवाया और न ही उन्हें किसी तरह का मुआवजा दिया। बल्कि उन्हें काम से ही निकाल दिया। ऐसे ही एक हादसे का शिकार हुए मजदूर ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि मैं जिप्सम प्लांट में काम करता था। प्लांट के ठेकेदार का नाम था फिरोज खान।
मुझसे वहां बिना सेफ्टी के साथ काम करवाया जाता था। मुझसे वहां एक एसिड का वॉल्व खुलवाया गया, जिससे मैं पूरी तरह जल गया। जिसके बाद मुझे हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन मैं वहां ठीक नहीं हुआ, फिर मैंने अपना इलाज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाया। इस हादसे को आज 7 साल से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन मैं आज तक पूरी तरह ठीक नहीं हुआ। मेरे दाहिने हाथ ने काम करना बंद कर दिया है।
लॉकडाउन में नौकरी से निकाला
वहीं, एक अन्य मजदूर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान जब पहली बार लॉकडाउन लगा था, उस समय मैं 15 दिन बीमार हो गया था। ठीक होने के बाद जब मैं वापस गया तो मुझे कहा गया कि अभी जो आन ड्यूटी पर हैं उन्हें भी नहीं ले रहे हैं। तुम 1-2 दिन के बाद आना। ऐसे करते हुए काफी समय बीत जाने के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिली। रोजाना कई लोगों के चक्कर कटवाने के बाद बोल दिया गया तुम्हें जो ठीक लगता है वो करो यहां नौकरी नहीं है।
मसूदा के लोगों की आवाज उठाने वाले वकील अनवर अली ने बताया है कि श्री सीमेंट के अवैध खनन से यहां के लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जितने भी मजदूर फैक्ट्री में काम करने जाते हैं, अगर वो बीमारी या किसी काम के लिए अवकाश ले लेते हैं तो कंपनी उन्हें ब्लैकलिस्ट कर देती है।
इस फैक्ट्री में हादसे में घायल हुए मजदूरों को कंपनी कोई मुआवजा नहीं देती। यहां काम करने वाले लोग अगर इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो कंपनी उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा देती है। पुलिस से उन पर दबाव बनवाया जाता है। कंपनी स्थानीय लोगों का शोषण कर रही है।
कोई भी फैक्ट्री पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी : पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी
इस मामले पर राजस्थान के पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा है कि कोई भी फैक्ट्री हो अगर वो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी जांच करवाई जाएगी और कानून के अंतर्गत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इंडिया न्यूज और दैनिक आज समाज के संपादकीय निदेशक आलोक मेहता ने इस मामले में कहा कि ये मामला बहुत गंभीर है। श्री सीमेंट एक प्रतिष्ठित कंपनी है। अजमेर का इलाका सचिन पायलट के अंतर्गत आता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा कहते रहते हैं कि हम प्रदूषण से अपनी जनता को बचाने का काम करते हैं।
इस इलाके के लोग अगर सालों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं तो इस पर तत्काल ध्यान देने की जरुरत है। इस बार जो कमेटी बनाई गयी है वो मात्र खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं है। श्री सीमेंट के इस अवैध खनन से ग्रामीणों को जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उस पर सरकार को तत्काल प्रभाव से कार्य करना चाहिए। Special report on illegal mining of Shree Cement
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