Supreme court: केंद्र सरकार ने एक मलयालम न्यूज चैनल पर बैन लगा दिया था। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को हवाला देकर नागरिकों के अधिकारों नहीं कुचल सकती है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने केंद्र सरकार के तर्क को खारिज कर दिया, जिसमें चैनल को बैन करने के पीछे की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा बताया था। याचिका को सुनते हुए कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दावे हवा में नहीं किए जाते हैं। उसके लिए ठोस सबूत की जरूरत होती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मीडिया वन टीवी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस देने से मना कर दिया था, इसके बाद ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस चैनल का ब्राडकॉस्ट लाइसेंस भी रिन्यू करने से मना कर दिया था। 9 फरवरी को इस कंपनी ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे केरल हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके इस मामले पर जवाब मांगा था। जिस पर केंद्र सरकार की पेश हुए वकील ने बंद लिफाफे में अपना जवाब रखा। इस बात अदालत ने कहा कि सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब देने याचिकाकर्ता को अंधेरे में लड़ने के लिए छोड़ देने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के बैन को रद्द करते हुए कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र और निडर प्रेस का होना बहुत अवश्यक है।
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