इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)
केंद्रीय बजट सत्र में नेशनल टूरिज्म पॉलिसी (national tourism policy) लाई जाएगी। भारत सरकार का टूरिज्म मंत्रालय (Ministry of Tourism) हर राज्य के पर्यटन विभाग से कोआर्डिनेशन कर रहे है। विश्व के कई देशों में पर्यटन क्षेत्र (area of tourism) में पीपीपी मोड (ppp mode) पर कार्य कारगर साबित हुआ है। ऐसे में भारत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मोड पर टूरिज्म को विकसित (development of tourism) किए जाने के लिए काम किया जाएगा। आज भारत में पीएम मोदी (PM Modi) के नेृतत्व में विकास के साथ विरासत को सहेजने (save the legacy) पर कार्य किया जा रहा है। यह जानकारी जी0 किशन रेडडी, माननीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री, भारत सरकार (G. Kishan Reddy, Hon’ble Minister of Tourism, Culture and Development of North Eastern Region, Government of India), ने रविवार को धर्मशाला (dharamshala) के नजदीक होटल डी0 पोलो में राज्य पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference of State Tourism Ministers) के शुरू होने के पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए दी।
उन्होने कहा कि नेशनल टूरिज्म पॉलिसी के विषय में विभिन्न लोगों से आइडिया लिए गए, ड्राफ्ट को वेबसाइट (draft on website) में भी लगाया है। धर्मशाला में हो रही कांफ्रेंस में भी नेशनल टूरिज्म पॉलिसी पर विचार विमर्श किया जाएगा।
तीन दिनों की इस सम्मेलन में भारत में टूरिज्म को बढ़ावा देने, डेस्टिनेशन बढ़ाने, डोमेस्टिक टूरिज्म, फॉरन टूरिज्म, ईको टूरिज्म सहित सभी विषयों को लेकर मंथन किया जाएगा। आज भारत में विकास के सात्थ विरासत को सहेजने को लेकर पीएम मोदी के नेतृत्व मे कार्य हो रहा है, भी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रयास कर रहे है।
उन्होने कहा कोविड कि कारण अढ़ाई साल तक टूरिज्म इंडस्ट्री ड्राई रही। अभी भी विदेशी पर्यटक आना शुरू नहीं हुए, लेकिन डोमेस्टिक टूरिज्म में देश आगे बढ़े है। नार्थ ईस्ट में भी अलग-अलग समस्याएं होने से न विकास हो पाया न आगे बढ़ पाए।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने आगे कहा कि भारत के G-20 प्रेसीडेंसी के वर्तमान संदर्भ में राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने खुलासा किया कि G-20 का उपयोग भारत की पर्यटन क्षमता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में किया जाएगा।
हवाई संपर्क के महत्व पर जोर देते हुए जी0 किशन रेड्डी ने कहा कि देश में हवाई अड्डों की संख्या 2014 में जो कि 74 थी से बढ़कर अब 140 हो गई है, और 2025 तक हवाई अड्डों की संख्या को 220 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधान मंत्री का दृष्टिकोण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रवासी और एनआरआई को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और प्रत्येक प्रवासी भारतीय से हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार कम से कम 5 विदेशियों को भारत आने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र, जो कि कोविड-19 के कारण सबसे अधिक प्रभावित है, को वित्तीय सहायता, 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाया जाना जारी कर दिया गया है।
पर्यटन क्षेत्र ने 2018 में INR 16.91 लाख करोड़ (240 बिलियन अमरीकी डालर) या भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 9.2 प्रतिशत उत्पन्न किया और लगभग 42.67 मिलियन नौकरियों या कुल रोजगार का 8.1 प्रतिशत का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने पूरे देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 7000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न विषयों पर पर्यटक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कई 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
PRASHAD योजना का उद्देश्य आध्यात्मिक स्थानों के आसपास पर्यटन सुविधाओं को मजबूत करना है, जिसके तहत 24 राज्यों में 39 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन पर्यटकों, तीर्थ और विरासत स्थलों / शहरों में बुनियादी ढांचे का विकास स्वच्छता, सुरक्षा, सार्वभौमिक पहुंच, सेवा वितरण, कौशल विकास और स्थानीय समुदायों की आजीविका पर केंद्रित है। मंत्रालय ने हाल ही में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 शुरू की है, जिसका उद्देश्य पर्यटकों का अनुसरण करते हुए स्थायी और जिम्मेदार स्थलों का विकास करना है
राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य पर्यटन के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण का निर्माण करना है और इसके विकास के रूप में हम भारत @ 2047 की ओर बढ़ रहा हैं। आगामी 25 वर्षों में अमृत काल होने के कारण, सम्मेलन का उद्देश्य राज्य और केंद्र सरकारों के बीच एक आम बातचीत शुरू करना है। वर्ष 2047 में भारत में पर्यटन के लिए दृष्टि स्थापित करना।
अजय भट्ट, माननीय पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री और श्रीपद नाइक, माननीय पर्यटन और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री अन्य वरिष्ठ के साथ कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
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