India News(इंडिया न्यूज़), Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण चरण सिंह के ऊपर कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली के जतंर मंतर पर रात दिन धरने पर बैठे पहलवानों की याचितका पर आज (27 अप्रैल) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। वहीं पहलवानों के धरने पर अलंपिक संघ की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य पीटी ऊषा के बयान पर पहलवान विनेश फोगाट ने प्रेस वार्ता में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमने उनको पर्सली फोन किया था, लेकिन उन्होंने हमारा फोन भी नही उठाया। उन्होंने कहा कि हम 3 महीने से न्याय का इंतजार कर रहे थे, जब न्याय नहीं मिला तब जाकर हम धरने पर बैठे है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर पीटी ऊषा के साथ ऐसा होता तो क्या वो इंतजार कर सकती थी।
मालूम हो कि पहलवानों के धरने पर भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने गुरुवार को कहा कि पहलवानों को घरने पर बैठने से पहले हमारें (ओलंपिक संघ) के पास आना चाहिए था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। ये केवल पहलवानों के लिए ही नहीं बल्कि खेलों के लिए भी अच्छा नहीं है, उनमें कुछ अनुशासन भी होना चाहिए। इससे भारत की छवि खराब हो रही है।
इस मामले की पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। नोटिस के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में कहा कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत है।