India News ( इंडिया न्यूज़ ), Fourth day of Navratri: शारदीय नवरात्रि का पावन दिन चल रहें है। सनातन धर्म में नवरात्रि पर शक्ति की साधना का बहुत ज्यादा महत्व होता है। बता दें, नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा स्वरूप की पूजा का विधान होता है, जिनकी साधना करने पर साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और सभी मनोकामना पूरी होती हैं। इनका निवास सूर्य मंडल के भीतर के लोक में स्थित है। सूर्य लोक में निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है। इनके शरीर की शक्ति और प्रभा भी सूर्य के समान ही है। अन्य कोई भी देवी-देवता इनके तेज़ और प्रभाव की समता नहीं कर सकते। इन्हीं के तेज़ और प्रकाश से दसों दिशाएं प्रकाशित होती हैं। इनकी आठ भुजाएं हैं,अत यह अष्टभुजादेवी के नाम से भी जानी जाती हैं। तो जानिए कैसे करें मां कूष्मांडा की पूजाविधि।
चौथे नवरात्रे के दिन पीले कपड़े पहनकर मां कूष्मांडा की पूजा करें। वहीं पूजा के समय देवी को पीला चंदन ही लगाएं, इसके बाद कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाएं। पान के पत्ते पर थोड़ा सा केसर लेकर मां कूष्मांडा को अर्पित करें। फिर एक माला जाप करें और दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। पूजा में देवी को पीले वस्त्र, पीली चूड़ियां और पीली मिठाई अर्पित करनी चाहिए। इससे मां कूष्मांडा प्रसन्न हो जाती है।
मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें मालपुए का भोग लगाएं। मान्यता है कि मां कूष्मांडा का प्रिय भोग लगाने वाले की बुद्धि, यश और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है और सभी मनोकामना भी पूरी होती है।
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