होम / तिब्बतियों ने किया चीन के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन, कहा चीन तिब्बती संस्कृति को मिटाने का कर रहा प्रयास

तिब्बतियों ने किया चीन के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन, कहा चीन तिब्बती संस्कृति को मिटाने का कर रहा प्रयास

• LAST UPDATED : October 1, 2023

धर्मशाला स्तिथ मैक्लोडगंज के चोंक पर आज रविवार को पीपल रिपब्लिक ऑफ चाइना की 74वीं स्थापना वर्षगांठ पर तिब्बतियों की तीन एनजीओ ने मिलकर चीन के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन किया के चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की इस विरोध प्रदर्शन में तिब्बतियों नर कहा कि वह पूर्वी तुर्किस्तान, हांगकांग, दक्षिणी मंगोलिया और ताइवान का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता से खड़े हैं विरोध प्रदर्शन कर रहे तिब्बतियों ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट शासन पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की अपनी 74वीं स्थापना वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है यह तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान, दक्षिणी मंगोलिया, हांगकांग और ताइवान जैसे कब्जे वाले देशों के लिए बड़ा दुख का दिन है उन्होंने कहा कि यह दिन वैश्विक करवाई दिवस को समर्पित है, जिसका उद्देश्य चीनी सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के उल्लंघनों को उजागर करना है।

इस विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही तेनजिंग पासंग ने कहा कि शी जिनपिंग की तानाशाही के तहत सभी तिब्बती गंभीर अपराधों के गवाह बने हैं, जिनमें उइघुर एकाग्रता शिविरों का अस्तित्व, हांगकांग की स्वायत्तता का क्षरण, औपनिवेशिक शैली के बोर्डिंग स्कूल सिस्टम की स्थापना और तिब्बत में डीएनए का अनिवार्य संग्रह शामिल है उन्होंने कहा कि इसके अलावा ताइवान के खिलाफ ज़बरदस्त राजनीतिक आक्रामकता और धमकी दी गई है, साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्वतंत्रता पर भी कई उल्लंघन हुए हैं उन्होंने कहा की चीनी अधिकारियों ने तिब्बती लोगों पर लंबे समय से दमनकारी शासन लागू कर रखा है हाल की रिपोर्टों से तिब्बत में बढ़ती घुसपैठ नीतियों का पता चला है जिसमें राज्य निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तिब्बती डीएनए का बलपूर्वक संग्रह भी शामिल है।

 

 

वही ताशी धोंदुप ने कहा कि चीन की चीनीकरण की नीति के परिणामस्वरूप तिब्बती राष्ट्रीय पहचान पर लगातार हमला हो रहा है विशेषकर तिब्बत की भाषा, धर्म और संस्कृति को मिटाने का प्रयास लगातार चीन द्वारा किया जा रहा है उन्होंने कहा कि तिब्बती बच्चों को उनके परिवारों और विरासत से जबरन अलग करके और उन्हें सरकारी बोर्डिंग स्कूलों में रखकर, चीनी अधिकारी तिब्बती पहचान को कमजोर करने के लिए गलत रणनीति का इस्तेमाल कर रहे है उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बात सामने आई है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वैश्विक जागरूकता और उपयोग से इन पहचानों को मिटाने के इरादे से शहरों, कस्बों और क्षेत्रों से तिब्बती नामों को मिटाने के लिए एक अभियान शुरू किया है उन्होंने कहा की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने औपचारिक रूप से तिब्बत शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया, और इसे चीनी नाम ‘ज़िज़ांग’ से बदल दिया।

SHARE

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox