इंडिया न्यूज, शिमला।
Baddi-Barotiwala-Nalagarh Node Included in Bharatmala Project : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारत माला परियोजना के अंतर्गत विकसित किए जाने वाले 11 औद्योगिक कारीडोर के 32 नोड में हिमाचल प्रदेश के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ नोड को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने बीबीएन नोड को विकसित करने से संबंधित गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक कारीडोर विकास निगम सीमित (NICDC) के प्रयासों की भी सराहना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना उद्योगों को संभारतंत्र (लाजिस्टिकस) उपलब्ध करवाने, भविष्य के औद्योगिक नगर और राज्य में औद्योगिक विकास को और प्रोत्साहन प्रदान करने में दूरगामी साबित होगी।
इस परियोजना से रोजगार के अवसर सृजित होंगे और आर्थिक उन्नति के साथ-साथ सर्वांगीण सामाजिक एवं आर्थिक सुनिश्चित होगा।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष प्रभावी ढंग से मामला उठाया था और अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कारीडोर से इसे जोड़ने से न केवल विनिर्माण क्षेत्र, बल्कि कृषि क्षेत्र को भी होने वाले सीधे लाभ से उन्हें अवगत करवाया था।
इसी कड़ी में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति के नेतृत्व में नई दिल्ली में राष्ट्रीय औद्योगिक कारीडोर विकास निगम समिति (NICDC) के कार्यालय में आयोजित हितधारकों एवं परामर्शदाता संघों की बैठक में भाग लिया जिसमें एनआईसीडीसी के वरिष्ठ अधिकारी और एल एंड टी, पीडब्ल्यूसी और निप्पोन-कोई की ओर से परामर्शदाता भी शामिल थे।
यह बैठक मुख्य तौर पर अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कारीडोर (Amritsar-Kolkata Industrial Corridor) के अंतर्गत बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (BBN) नोड के लिए परियोजना विकास गतिविधियों के संबंध में चुनिंदा परामर्शदाता संघों के साथ आयोजित की गई।
इसी माह के प्रारम्भ में एल एंड टी के नेतृत्व वाले संघ को बीबीएन नोड की मास्टर प्लानिंग और प्रारम्भिक इंजीनियरिंग संबंधी परामर्श के लिए चयनित किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से निदेशक उद्योग ने बैठक में जानकारी दी कि बीबीएन क्षेत्र में औद्योगिक नोड के विकास के लिए 4,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि उपलब्ध है।
इस भूमि का स्टेट आफ आर्ट एकीकृत औद्योगिक कलस्टर विकसित करने और बेहतर आवासीय एवं सामाजिक अधोसंरचना की स्थापना में उपयोग किया जा सकता है।
निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति ने यह भी अवगत करवाया कि एनआईसीडीसी द्वारा अनुबंधित पेशेवर 26 अप्रैल से अपना कार्य प्रारम्भ कर देंगे और जून माह तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।
राष्ट्रीय औद्योगिक कारीडोर विकास निगम समिति की समीक्षा बैठक में देश में भविष्य के औद्योगिक नगरों की स्थापना और विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक कारीडोर कार्यक्रम (NICP) अपनाने पर सहमति बनी।
इस कार्यक्रम का वृहद उद्देश्य विभिन्न सेक्टर में अगली पीढ़ी की तकनीकों के उपयोग से विश्व स्तरीय विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है ताकि विश्व के उत्कृष्ट विनिर्माण और निवेश केंद्रों से मुकाबला किया जा सके।
यह परियोजना प्रदेश सरकार के सहयोग से संचालित की जा रही है और इसमें राज्य सरकार अपने परियोजना भागांश के रूप में भूमि उपलब्ध करवाएगी और नोड के विकास के लिए शेष व्यय केंद्र सरकार वहन करेगी जोकि राज्य द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि की कीमत के बराबर होगा।
नोड को विकसित करने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार संयुक्त रूप से कार्य करेगी। इस परियोजना की अधिकतम लागत 3,000 करोड़ रुपए होगी। इसके अतिरिक्त, वोएबल गैप फंडिंग के अंतर्गत राज्य को 10 वर्षों के लिए ब्याजमुक्त ऋण का भी प्रावधान है। Baddi-Barotiwala-Nalagarh Node Included in Bharatmala Project
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