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सेब को विशेष उत्पाद श्रेणी में शामिल करे केंद्र सरकार: रोहित ठाकुर

• LAST UPDATED : May 29, 2022

सेब को विशेष उत्पाद श्रेणी में शामिल करे केंद्र सरकार: रोहित ठाकुर

इंडिया न्यूज, Shimla (Himachal Pradesh)।

कांग्रेस नेता (congress leader) व सेब बहुल क्षेत्र जुब्बल-नावर-कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर (Rohit Thakur) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि सेब (apple) को विशेष उत्पाद श्रेणी (special product category) में शामिल किया जाए ताकि सेब बागवानों को सेब के उचित दाम मिल सकें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सेब आधारित अर्थव्यवस्था 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक की है और इसे बचाने के लिए ऐसा किया जाना अति आवश्यक है।

रोहित ठाकुर ने रविवार को यहां कहा कि हिमाचल प्रदेश को फल राज्य के रूप में जाना जाता है। इसमें सेब विशेष स्थान रखता है और लाखों बागवानों की आजीविका इसी पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि सेब को विशेष उत्पाद की श्रेणी में लाने से बागवानों की आर्थिकी को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सेब आधारित अर्थव्यवस्था 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक की है और वर्तमान में सेब उद्योग कठिन दौर से गुजर रहा है।

लघु एवं सीमांत बागवानों को आर्थिक नुकसान

कांग्रेस नेता ने कहा कि बागवानी क्षेत्र में उपयोग होने वाली आवश्यक कीटनाशक व फफूंदनाशक दवाइयों में अनुदान खत्म करने के निर्णय से विशेषकर लघु एवं सीमांत बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

वहीं, केंद्र सरकार द्वारा कीटनाशक व फफूंदनाशक दवाइयों पर जीएसटी की दर बढ़ाए जाने से दवाइयों के दाम दोगुने हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि सेब में उपयोग होने वाली खाद एनपीके 12-32-16 और एनपीके 15-15-15 प्रति बैग खाद में केंद्र सरकार ने 21 फीसदी से 32 फीसदी की वृद्धि कर दी, जबकि पोटाश के दाम तो दोगुने हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सेब पैकिंग सामग्री में पिछले वर्ष के मुकाबले 35 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है जिससे लागत कई गुणा बढ़ेगी।

केंद्र सरकार ने अपनी बात पर चुप्पी साधी

रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सेब को विशेष उत्पाद श्रेणी का दर्जा दिलाने व सेब पर आयात शुल्क 3 गुना बढ़ाने की बात की थी लेकिन इस पर केंद्र सरकार ने अब चुप्पी साध ली है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार शीतल पेय पदार्थों में कंपनियों को 5 फीसदी सेब जूस मिलाने के लिए बाध्य करने की बात कही थी। इस पर भी अभी तक कोई पहल सामने नहीं आई।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते ईरान, तुर्की से अवैध रूप से रिकार्ड तोड़ सेब आयात हो रहा है और इससे हिमाचल समेत अन्य राज्यों के बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्राकृतिक आपदाओं से बागवानों को नुकसान

रोहित ठाकुर ने कहा कि सेब की फसल ओलावृष्टि, बेमौसमी बर्फबारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है जिसकी भरपाई के लिए सरकार से कोई राहत नहीं मिली।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज, सेब को विशेष उत्पाद की श्रेणी में लाने, सेब व अन्य फसलों पर आयात शुल्क की सीमा बढ़ाने, कीटनाशक व फफूंदनाशक दवाइयों को जीएसटी से मुक्त करने व सेब पैकिंग सामग्रियों के दामों को प्रदेश सरकार द्वारा नियंत्रित करने की मांग की है।

हिमाचल को विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाए

रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश पर 65,000 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण है जो प्रति व्यक्ति लगभग 1 लाख रुपए है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्वतीय राज्य है और यहां की विषम परिस्थितियों और राजकोषीय घाटे को देखते हुए हिमाचल को विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाए।

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