रमेश पहाड़िया – पांवटा साहिब:
Doctor Became Messiah: पांवटा साहिब नगर में एक परिवार वर्षों से अंधेरे में जीवन यापन कर रहा था लेकिन नवरात्रि के पावन मौके पर अब इस घर में उजाला आ गया है। बात थोड़ी हैरान करने वाली इसलिए जरूर है क्योंकि दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों तक आज बिजली पहुँच चुकी है तो ऐसे में पांवटा साहिब नगर में बरसों से कोई परिवार कैसे बिन बिजली रह गया। लेकिन कल तक ऐसा था। नगर के वार्ड नंबर 8 में यमुना घाट के पास रहने वाला एक परिवार पिछले करीब 20 वर्ष से दीये की रोशनी में गुजर बसर करने को मजबूर था।
शहर की चकाचौंध देख बच्चे भी अक्सर पूछते थे कि हमारे घर पर अंधेरा क्यों है। वहीं, पांवटा साहिब दून जैसे सर्वाधिक गर्मी वाले इलाके में परिवार बिना बिजली कैसे रहता होगा ये सोच कर भी कष्ट का अंदाजा लगाया जा सकता है।(Doctor Became Messiah) लेकिन अब वार्ड पार्षद डॉक्टर रोहताश नांगिया के प्रयासों से इस परिवार के घर में भी उजाला आ गया है जिससे परिवार खुश है और पार्षद सहित नगर परिषद का आभार जता रहा है।
परिवार को बिजली का टेंपरेरी कनेक्शन मिल गया है और बीती शाम घर तक बिजली जोड़ दी गई है। दरअसल, यह परिवार बरसों से यहां रहता है। यहां यमुना नदी पर उत्तर प्रदेश और हिमाचल के संयुक्त तत्वावधान में एक बैराज बनना था जिसकी देखरेख के लिए परिवार की मुखिया महिला के पति तैनात थे। प्रोजेक्ट किसी कारण पूरा नहीं हो पाया और बिल लंबित होने के चलते हिमाचल सरकार ने आज से करीब 20 वर्ष पूर्व प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए दिया कनेक्शन काट दिया। तभी से परिवार दीये की रोशनी में कष्ट झेलकर जीवन यापन कर रहा था।(Doctor Became Messiah)
नगर परिषद चुनाव के दौरान डॉ. रोहताश नांगिया के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने परिवार के लिए बिजली की व्यवस्था करने की ठान ली। हालांकि इन सबके बीच जद्दोजहद में एक वर्ष का समय लग गया लेकिन आखिरकार परिवार के घर सहित अब जिंदगी में भी उजाला आ गया है।
परिवार की मुखिया महिला ने बताया कि करीब 35 वर्ष पूर्व उनके ससुर यहां घाट पर काम करते थे। उसके बाद उनके पति को यहां प्रस्तावित बैराज में मशीनों की रखवाली का काम मिला। प्रोजेक्ट तो खटाई में पड़ गया और उसके बाद बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया। यह परिवार बीपीएल की सूची में भी शामिल है। उधर, वार्ड के पार्षद डॉ. रोहताश नांगिया ने बताया कि आज उनका एक सपना पूरा हुआ कि ऐसे परिवार को बिजली मुहैया हो गई जो शहर में रहते हुए भी वर्षों से अंधेरे मे जीवन यापन कर रहा था। इसके लिए सहयोग करने वाले सभी अधिकारियों और नगर परिषद का वह आभार करते हैं।
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