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Governor Wrote 3 Books: शीतोष्ण फलों की बागवानी पर आधारित होगी ये पुस्तके

• LAST UPDATED : March 6, 2022

इंडिया न्यूज़, शिमला:

Governor Wrote 3 Books राज्पाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रविवार को राजभवन में फल विज्ञान विभाग, औद्योनिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी, हमीरपुर द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के तहत शीतोष्ण फलों की बागवानी एवं कृषि से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकी जानकारी पर आधारित तीन पुस्तकों का विमोचन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तकें प्रदेश एवं देश के अन्य भागों में इन फलों की खेती करने वाले किसानों तथा बागवानी विषय में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए सुलभ व्यवहारिक ज्ञान से परिपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जलवायु विभिन्न प्रकार के फलदार पौधों की खेती के लिए उपयुक्त है। यहां पर उपोष्ण जलवायु से लेकर विशेष शीतोष्ण जलवायु पाया जाता है, जो कि बागवानी के व्यापक आधार को दर्शाता है।

Governor Wrote 3 Books

राज्यपाल ने कहा कि बागवानी को यहां पर एक मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाया जा रहा है जो कृषि क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा और संतुलित पोषण के लिए महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए जा रहे बागबानी क्षेत्र के प्रसार में अमरूद एवं लीची पर आधारित यह दोनों पुस्तकें निश्चित तौर पर किसान बागवानों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि पुस्तकों में दी गई जानकारी से इन फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता तथा किसानों की शुद्ध आय की बढ़ौतरी में सहायक होगीं।

  • पहली पुस्तक “पर्वतीय क्षेत्रों में अमरूद की खेती जिसके लेखक डॉ. सोम देव शर्मा, डॉ. विकास कुमार शर्मा, डॉ. के.के. श्रीवास्तव एवं डॉ. शैलेन्द्र कुमार यादव हैं। इस पुस्तक में हिमाचल प्रदेश के शीतोष्ण क्षेत्रों में अमरूद की खेती की आधुनिक नवीनतम तकनीकी पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
  • दूसरी पुस्तक “पर्वतीय क्षेत्रों में लीची की खेती“ शीर्षक से प्रकाशित की गई है, जिसका लेखन डॉ. सोम देव शर्मा एवं डॉ. विकास कुमार शर्मा द्वारा किया गया है।
  • एक अन्य पुस्तक “कृषि में आत्मनिर्भरता- ग्राम स्वावलम्बन एवं सतत् विकास”शीर्षक से प्रकाशित है, जिसके लेखक डॉ. सोम देव शर्मा, डॉ. विकास कुमार शर्मा एवं डॉ. आशुतोष हैं। (Governor Wrote 3 Books)

यह पुस्तक मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना पारिस्थितिकी, जलवायु तथा प्राकृतिक संसाधनों के दृष्टिगत उपयुक्त कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित विविध आयामों की तर्कसंगत और पर्यावरण सम्मत समन्वित खेती के चिन्तन को इंगित करती है। भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री हरि राम भी उपस्थित थे।

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