लोकिन्दर बेक्टा, शिमला :
Answer to Discussion on Budget : हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान 2 हजार करोड़ रुपए का और कर्ज लेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में राज्य के अगले वित्त वर्ष के बजट पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने आयुष विभाग में 200 डाक्टरों और 100 फार्मासिस्टों की भर्ती करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि भविष्य में विधायक अपनी प्राथमिकता में सुरंग निर्माण के लिए भी प्रावधान करवा सकेंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में वित्तीय अनुशासन कायम करने का पूरा प्रयास किया और हर साल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से कम ऋण लिया।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कांग्रेस सरकार में कर्ज लेने की पूरी सीमा का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा के बावजूद कर्ज लेने की अधिकृत सीमा से 5,384 करोड़ रुपए कम कर्ज लिया है।
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश पर 62,200 करोड़ रुपए का कर्ज है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कर्ज लेने में रहम दिखाया होता तो आज प्रदेश पर इतना कर्ज नहीं होता और राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश पर कर्जों का बोझ अपेक्षाकृत कम होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बजट का विरोध कर सिर्फ परंपरा निभाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार में वर्ष 2016-17 में 24,200 करोड़ रुपए के योजना परिव्यय का प्रावधान था, जबकि हमारी सरकार में योजना परिव्यय बढ़कर 40,229 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
उन्होंने प्रदेश की विकास दर को लेकर विपक्ष की आशंकाओं को भी खारिज किया और कहा कि प्रदेश की 8.3 फीसदी की विकास दर सत्य और तथ्य पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जमीनी स्तर पर विकास हो रहा है और हर विधानसभा क्षेत्र में 200 से 300 करोड़ रुपए तक के विकास कार्यों के उद्घाटन व शिलान्यास हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हर विभाग के बजट में बीते 4 सालों में वृद्धि की है और इस संबंध में विपक्ष झूठे आंकड़े दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने कोरोना काल में परिवहन क्षेत्र के सहारा देने के लिए करों में 153 करोड़ रुपए की छूट दी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनका बजट चुनावी नहीं, बल्कि 5वां बजट है और अभी तक के बजटों में जो भी योजनाएं शुरू की गर्इं, उसे पूरा भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार चुनाव आचार संहिता लगने तक हर वर्ग के लिए काम करती रहेगी और पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनावों में उतरेगी तथा मिशन रिपीट को सफल बनाएगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में वापस आने की कांग्रेस की ख्वाहिश कभी हकीकत में तब्दील नहीं होगी। उन्होंने पूर्व कांग्रेस सरकारों द्वारा प्रदेश में व्यवस्थाओं को तहस-नहस करने का भी आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के 2 लाख से अधिक कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान लागू किया है। इनमें से 1.20 लाख से ज्यादा कर्मचारियों ने नए वेतनमान के लिए विकल्प भी दे दिया है तथा 1.09 लाख से अधिक कर्मचारी नए वेतनमान का लाभ भी ले रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने ओपीएस बंद करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी सरकार कर्मचारियों के लिए जितना बेहतर कर सकती थी, किया।
उन्होंने कांग्रेस पर कर्मचारियों के कुछ वर्गों को गुमराह करने का आरोप लगाया और उम्मीद जताई कि ये लोग गुमराह न होकर सरकार के साथ चलेंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार बहुत जल्द ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे और बल्क ड्रग फार्मा को जमीन पर लाने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश हितों की रक्षा की है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा ही प्रदेश हितों को बेचा है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने बुधवार को एक बार फिर वाकआउट किया। विपक्ष ने यह वाकआउट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा राज्य के बजट पर हुई चर्चा के जवाब से असंतुष्ट होकर किया।
विपक्ष का आरोप था कि मुख्यमंत्री कर्जों को लेकर झूठ बोल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान ही इस मुद्दे को उठाया और कहा कि सरकार 31 मार्च से पहले हजारों-करोड़ों रुपए का ऋण उठाने जा रही है लेकिन बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने इसका जिक्र नहीं किया।
मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि मुख्यमंत्री सदन में घोषणा करें कि कितना ऋण लेने जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री जब मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान इस मुद्दे को उठा रहे थे तो सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ओर से सदस्यों ने खूब हो-हल्ला किया और नारेबाजी भी की। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के हस्तक्षेप से कुछ देर बाद सदन में माहौल शांत हुआ लेकिन कुछ ही देर बाद फिर से हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को शांत करने का प्रयास किया लेकिन पूरा विपक्ष पहले सदन में शोरगुल करता रहा, फिर नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पर ऋणों के मामले में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के वित्तीय प्रबंधन में विफल रही है और अब ऋण लेने के आंकड़ों को छुपा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ऋण लेने के मामले में एफआरबीएम के प्रावधानों का बार-बार उल्लंघन कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार राजकोषीय घाटा 4 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए लेकिन वर्ष 2022-23 के दौरान यह बढ़कर 4.98 फीसदी हो जाने का अनुमान है।
यह जयराम ठाकुर सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से 14वें वित्तायोग से प्राप्त धनराशि और केंद्र द्वारा 15वें वित्तायोग की सिफारिशों के अनुसार जारी धनराशि पर श्वेत पत्र लाने की मांग की। Answer to Discussion on Budget
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