India News (इंडिया न्यूज़), (श्वेता नेगी) Himachal: जिस तरह से शरीर को रीढ़ की हड्डी खड़े होने के लिए सहारा देती है.उसी तरह से हिमाचल की सड़कें ही हिमाचल की रीढ़ की हड्डी हैं पर जब शरीर की रीढ़ की हड्डी में कोई तकलीफ हो जाए तो हम क्या करेंगे. हम अनायास ही अस्पताल की और भागेगें, या डॉक्टर को उपचार के लिए अपने घर पर बुलाएंगे. हिमाचल की रीढ़ की हड्डी आजकल तकलीफ में है. ये 2023 का मॉनसून हिमाचल के लिए कहर बनकर बरपा है. ऐसा कहर जिसकी भरपाई दशकों तक नहीं की जा सकती. ये सड़कें आजकल बदहाली का दंश झेल रही हैं वो बदहाली इसलिए क्योंकि सारी सड़कें हिमाचल में भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आ गई हैं, और जर्जर होती नजर आ रही हैं. अब ये सड़के कब बहाल होंगी हिमाचल को फिर से कब नई रफ्तार मिलेगी इसका जवाब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में से किसी के पास नहीं है. और सब केवल सियासी बयानबाजियों में संलिप्त है, और सियासत की रोटियां सेकने में मशगूल है. कोई चाहता है कि वो बस कुछ दिनों चर्चाओं में बना रहे कोई चाहता है कि पुरानी छिनी हुई विधायकी वापस आ जाए. पर क्या इन सब में हिमाचल की जो जनता त्राहिमाम का दंश झेल रही है. क्या उस जनता की झोली में कुछ आ पाएगा, क्या उसकी समस्याओं का समाधान हो पाएगा. सवाल कई हैं पर अब तक इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
इसी सबके बीच एक तस्वीर हिमाचल के रामपुर विधानसभा के ननखड़ी की बगलती पंचायत की सामने आ रही है अड्डू चेबड़ी रोड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. सेब सीजन सर पर है, सड़के ठीक नहीं होंगी तो सेब मंडियों तक कैसे पहुंचेगा. जब ट्रक मंडियों तक नहीं जाएंगे तो सेब सीजन कैसे शुरू होगा. बगलती पंचायत के लोगों को जब लगा कि उनके पूरे साल की मेहनत बर्बाद हो जाएगी. सेब पड़ा पड़ा ट्रकों में सड़ जाएगा, उनकी सड़क अब ठीक नहीं होगी तो लोगों ने खुद ही श्रमदान करके पूरी सड़क को ठीक किया और पत्थर लगा कर पूरा डंगा लगाया. ये तस्वीर मात्र एक उदाहरण है ना जाने पूरे हिमाचल में ऐसी कितनी, तस्वीरें होंगी. जो हमतक नहीं पहुंच पाई. सरकार मंडी में पहुंचने के बाद सेब के भाव की बात कर रही है कि सेब किलो के हिसाब से बिकेगा या पेटी के हिसाब से पर जब तक सेब मंडी में नहीं पहुंचेगा. वो ना ही किलो के हिसाब से बिक सकता है ना ही पेटी के हिसाब से. हिमाचल प्रदेश का 2023 में बेहद नुकसान हुआ है इस नुक्सानकी भरपाई कई दशकों तक नहीं हो पाएगी.
PWD मंत्री ने खुद ये बात कबूली है कि हिमाचल में आई आपदा से प्रदेश को 1800 से 2000 करोड़ का भारी नुकसान हुआ है, और इस नुकसान से भरपाई के लिए पूरे प्रदेश को कई साल लग जाएंगे. विक्रमादित्य की बयानों की माने तो वो अपने बयानों में कहते रहते हैं कि वो सड़कों को बहाल करेंगे. और वो इसके लिए केंद्र से 300 करोड़ भी लेके आए हैं. पर वो 300 करोड़ कैसे और किस हिसाब से खर्च होंगे ये कोई नहीं जानता और इसका खाका भी अभी तक तैयार नहीं हुआ है. विक्रमादित्य सिंह और प्रतिभा सिंह का दिल्ली प्रवास अपने आप में ही कई सवाल खड़े करता है. राजनीतिक विश्लेषकों का ये भी कहना है कि प्रतिभा सिंह के साथ विक्रमादित्य का दिल्ली दौरा किसी को रास नहीं आ रहा, एक तो राजनीति उपर से परिवारवाद. संगठन और सरकार को लेकर तो हिमाचल में चर्चाएं हो ही रही हैं. दिल्ली दौरे के बाद नितिन गडकरी भी हिमाचल दौरे पर 1 अगस्त 2023 को आ रहे है. गडकरी प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे और नुकसान का जायज़ा लेकर केंद्र को रिपोर्ट सौंपेंगे.
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