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Himachal Pradesh Vidhan Sabha News घाटे वाले सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करना जनहित में उचित नहीं : मुख्यमंत्री 

• LAST UPDATED : February 26, 2022

Himachal Pradesh Vidhan Sabha News घाटे वाले सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करना जनहित में उचित नहीं : मुख्यमंत्री

23 में से 11 निगम व एक बोर्ड घाटे में, तीन वर्षों में इनमें सुधार भी हुआ है और इनकी परफॉर्मेंस सुधरी
लोकिन्दर बेक्टा, शिमला। 

Himachal Pradesh Vidhan Sabha News: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि घाटे वाले सार्वजनिक उपक्रमों को जनहित में बंद करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि कोविड के दौरान पिछले तीन वर्षों में सरकार की ओर से मदद करने की कोशिश की गई है। इससे ये सार्वजनिक उपक्रम समाज के अलग-अलग वर्गों को सुविधाएं देने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 23 सार्वजनिक उपक्रमों में से 11 निगम और एक बोर्ड घाटे में चल रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में इनमें सुधार भी हुआ है और इनकी परफॉर्मेंस सुधरी है।

जनहित में बंद करना उचित नहीं

भाजपा सदस्य रमेश धवाला के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के दो वर्ष कोविड में गए और इस दौरान ये उपक्रम कठिन दौर से गुजरे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक घाटे में चल रहे बोर्डों व निगमों को बंद करने की बात है, यह कुछ जगह व्यावहारिक हैं और कुछ को जनहित में बंद करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि एचपीएसईबी और एचआरटीसी दूरदराज तक सेवाएं देते हैं। परिवहन निगम के कई रूट घाटे में चल रहे हैं, लेकिन घाटे की परवाह किए बिना लोगों को सुविधा देना जरूरी है। वहीं, दूरदराज के इलाकों तक बिजली सप्लाई करनी है और यह सरकार की जिम्मेदारी है।

कुछ बोर्ड-निगम ऐसे भी हैं, जिनका सामाजिक दायित्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ बोर्ड-निगम ऐसे भी हैं, जिनका सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि इनमें लाभ या हानि को नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान पिछले तीन वर्षों में सरकार की ओर से मदद करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड को तीन वर्षों में 1521 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वहीं एचआरटीसी को 1585 करोड़ रुपए दिए, जबकि राज्य पर्यटन विकास निगम को 70 करोड़ रुपए की मदद दी है। उन्होंने कहा कि फिर भी प्रयास किए जा रहे हैं कि इनके खर्चों को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि तीन सालों में वन निगम और हस्तशिल्प व हथकरघा निगम में सुधार हुआ है। ऐसा प्रयास जारी है कि कैसे खर्च को निकाला जाए।
इससे पहले, रमेश धवाला ने कहा कि दो दर्जन के करीब सरकारी उपक्रमों में से 70 फीसदी घाटे में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में भी इसका हवाला है और हर साल 400 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि घाटे में चल रहे उपक्रमों के समायोजित किया जाए।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी में ड्राइवर-कंडक्टर हैं नहीं और अफसरों की लाइन लगी है। बिजली बोर्ड में भी 13500 कर्मचारी हैं और इनमें भी जरूरत से ज्यादा चीफ इंजीनियर ही हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें घाटे से उबारने को क्या नीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां पर सरप्लस कर्मी हैं, उन कर्मियों का किसी दूसरे निगम में समायोजन किया जाए।

तीन महीने पहले लिया गया नया हेलीकाॅप्टर में दो बार आ चुकी है तकनीकी खराबी

शिमला।
प्रदेश सरकार द्वारा लीज पर लिए गए हेलीकॉप्टर के बार-बार खराब होने के बाद कंपनी के साथ करार रद्द कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन महीने पहले स्काई वन कंपनी से नया हेलीकॉप्टर लीज पर लिया था। इसमें दो बार तकनीकी खराबी पाई गई और फिर भी यह ठीक नहीं हुआ था। इसे देखते हुए सरकार ने कंपनी के साथ इसे लेकर किए गए करार को समाप्त कर दिया है।
अब नए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जा रही है और इसके लिए नए सिरे से आवेदन मांगे गए हैं। नए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था होने पर लोगों की सुविधा के लिए सरकार डोडरा-क्वार के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा शुरू करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को  विधानसभा में विधायक मोहन लाल ब्राक्टा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बर्फबारी के कारण डोडरा-क्वार की सड़क बंद है और उसे खोलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते मार्ग खोलने में बाधा पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि रोहडू में लोक निर्माण विभाग में विभिन्न श्रेणियों के जो पद खाली है उन्हें चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा। जहां तक एसई के पद की बात है, उसका अतिरिक्त कार्यभार एनएच के एसई को सौंपा है और वह समय-समय पर रोहड़ू जाकर कार्य को निपटा रहे हैं।

कोविड डैथ मामले में 1767 मामलों में दिए क्लेम – स्वास्थ्य मंत्री 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से राज्य में अब तक 4146 मरीजों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड मृतकों के 2112 परिजनों ने एक्सग्रेशिया के लिए आवेदन किया है। इनमें से 1767 को क्लेम दे दिए गए हैं और 341 मामले पेंडिंग हैं। वे शनिवार को विधानसभा में कांग्रेस सदस्य रोहित ठाकुर, राजेंद्र राणा और आशीष बुटेल के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीड़ितों को जो राहत राशि दी जा रही है वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को 50-50 हजार रुपए की राशि दी जा रही है। डॉ. सैजल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से जिस मरीज की मौत हुई है, उनके कानूनी वारिस को यह क्लेम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्लेम लेने के लिए दावेदारों से कोरोना संक्रमण से हुई मौत का सर्टिफिकेट चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, उनके कानूनी वारिस को 50 हजार रुपए की राहत राशि मिलेगी और यह दी जा रही है।

एफसीए और एफआरए के 1156 मामलों को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिली – वन मंत्री   

भाजपा सदस्य बिक्रम सिंह जरयाल के सवाल पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि एफसीए और एफआरए के 1156 मामलों को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिली है। इनमें से 884 एफआरए के हैं, जबकि 272 एफसीए के हैं। उन्होंने कहा कि अब इन परियोजनाओं पर काम शुरू करने की अनुमति जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वन भूमि के ट्रांसफर पर रोक लगा रखी है। प्रदेश सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 13 प्रार्थना पत्र दायर किए हैं। इनमें से 12 प्रार्थना पत्रों को सुप्रीम कोर्ट ने निपटा दिया है।

स्थानीय लोगो के विरोध के कारण सीमेंट प्लांट के लगने में हो रही देरी – बिक्रम ठाकुर

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में दो कंपनियों को सीमेंट उद्योग लगाने की अनुमति दी गई है। इसमें एक कंपनी जिला मंडी में और दूसरी कंपनी को सिरमौर में सीमेंट उद्योग लगाने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया है। भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर के सवाल का जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों के कोर्ट में जाने की वजह से सीमेंट प्लांट के लगने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कोर्ट से जल्द केस का निपटारा हो। उन्होंने कहा कि इन उद्योगों के लगने से प्राप्त होने वाला राजस्व उद्योगों के वास्तविक और बिक्री पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि बिना काम शुरू किए राजस्व का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
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