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History of Rewari: वीरता की गाथाओं से भरा है रेवाड़ी का गौरवशाली इतिहास, जानें रेवाड़ी की खासियत

• LAST UPDATED : February 16, 2024

India News (इंडिया न्यूज़), History of Rewari: देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 82 किलोमीटर आगे रेवाड़ी हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह एक शांत शहर है जो मुगल शासन की कहानियों, आधुनिक विकास के साथ-साथ हरियाणा की संस्कृति पर एक नज़र बनाए हुए है। रेवाड़ी में हरियाणवी संस्कृति आसानी से देखी जा सकती है। रेवाड़ी शहर अपने पीतल के उत्पादों के लिए जाना जाता है जो की देश के अन्य हिस्सों में भी भेजे जाते हैं।

रेवाड़ी का इतिहास

रेवाड़ी की उत्पत्ति प्राचीन काल से ही होती है। ऐसा कहा जाता है की रेवाड़ी शहर का इतिहास महाभारतकालीन नगर है। एक प्रसिध्द कहानी के मुताबिक, तकरीबन 5500 साल पहले यहाँ के शासक राजा रेवत थे। राजा की बेटी का नाम रेवती था, जिनका विवाह भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम दाऊ से हुआ था। राजा रेवत ने विवाह के समय यह नगर रेवती को दहेज में दे दिया था। रेवाड़ी को पहले रेवा-वाड़ी के नाम से जाना जाता था, जो बाद में रेवाड़ी कहा जाने लगा।

रेवाड़ी शहर को अहीरवाल का लंदन भी कहा जाता है

दिल्ली से करीब होने के कारण, रेवाड़ी पूरे मुगल शासन में सक्रिय रहा। रेवाड़ी शहर को अहीरवाल का लंदन भी कहा जाता है और यहां के राव राजा तुलाराम थे। उन्होंने 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था। रेवाड़ी शहर के राव राजा तुलाराम को श्रद्धांजलि देने के लिए हरियाणा वासी 23 सितम्बर का दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस पूरे जिले का इतिहास बहुत गौरवशाली है। रेवाड़ी जिले में लगभग 35 हजार पूर्व सैनिक व वीरांगनाएं हैं, जबकि लगभग 25 हजार सैनिक व सैन्य अधिकारी सेवारत है।

रेवाड़ी में घूमने की जगहें

रेवाड़ी में प्रमुख आकर्षण
बाग वाला तालाब
बड़ा तालाब
राव तुला राम स्मारक
बाबा भैरों नाथ आश्रम
रेवाड़ी हेरिटेज स्टीम लोकोमोटिव संग्रहालय
रेवाड़ी में धार्मिक स्थल
बाबा रघुनाथ मंदिर
गुरवाड़ा का स्तंभ
स्वामी शरणनाद मंदिर
लाल मस्जिद
बाबा पुरुषोत्तम दास मंदिर
भागवत भक्ति आश्रम
घंटाेश्वर मंदिर
श्री राम शरणम
सरगवी मंदिर
रेवाड़ी में पार्क
टाउनशिप पार्क
ललिता स्मारक
कृष्णा गार्डन
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