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जापानी विशेषज्ञ डॉ0 ताइसुके कानाओ ने बताया दीमक का इतिहास

• LAST UPDATED : November 5, 2022

जापानी विशेषज्ञ डॉ0 ताइसुके कानाओ ने बताया दीमक का इतिहास

  • जापान के यामागाटा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ का कृषि विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान

इंडिया न्यूज, पालमपुर (Palampur-Himachal Pradesh)

चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ व्याख्यान श्रृंखला के तहत, जापान के यामागाटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा0 ताइसुके कानाओ (Dr. Taisuke Kanao, a scientist at Yamagata University, Japan) ने दीमक (termite) और अन्य संबंधित कीड़ों पर एक व्याख्यात्मक व्याख्यान दिया।

वैज्ञानिकों (scientist) और शोधार्थियों (researchers) से बात करते हुए डा0 कानाओ (Dr. Taisuke Kanao) ने प्रजातियों की विविधता (species diversity) और दीमक (termite) व इससे संबधित अन्य कीड़ों के विकासवादी इतिहास के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने दीमक और दीमक के महत्व, विविधता और सह-विकास पर भी बात की और अपने अनुभव साझा किए।

इस अवसर पर कुलपति प्रो0 एच0 के0 चौधरी (Vice Chancellor Prof. H.K.Chowdhary) ने बताया कि डॉ0 कानाओ अंतरराष्ट्रीय दीमक अनुसंधान दल के सदस्य (member of the international termite research team) हैं और भारत में दीमक पर शोध कार्य को मजबूत करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय भी जल्द ही टीम में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि देश में दीमकों की विविधता और संबधित कीड़ों के महत्व का अध्ययन करने की आवश्यकता है।

कुलपति ने कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख को यामागाटा विश्वविद्यालय, जापान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना तलाशने के लिए कहा ताकि शोधार्थियों और अन्य छात्रों को अपने शोध कार्य के लिए नए इनपुट मिल सकें। उन्होंने डॉ. कानाओ को विश्वविद्यालय में दीमक अनुसंधान कार्य को सुदृढ़ करने और संयुक्त शोध प्रकाशनों में सहयोग करने के लिए कहा।

विभागाध्यक्ष डॉ0 रविंदर सिंह चंदेल ने बताया कि डॉ0 कानाओ विश्वविद्यालय के एक पखवाड़े के दौरे पर हैं और उन्होंने सिरमौर, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में दीमकों पर वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण का काम किया है। वैज्ञानिकों और छात्रों के साथ उनकी बातचीत बहुत उपयोगी रही है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत कीट विज्ञान विभाग द्वारा इस वार्ता का आयोजन किया गया था। करीबन 150 लोगों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड के माध्यम से इस वार्ता में भाग लिया।

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