रमेश पहाड़िया – नाहन
Labours Protest for Labour Law in Nahan: जिला मुख्यालय नाहन में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियनों द्वारा रैली निकाली गई जिसमे केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों का विरोध किया। नाहन के मुख्य बस स्टैंड से जिला उपायुक्त कार्यालय तक निकाली गई इस रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुँचे। मीडिया से बात करते हुए सीटू के राज्य सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहां कि केंद्र सरकार तानाशाही पर उतर आई है और तानाशाही तरीके से मजदूरों का शोषण कर रही है। देश में जो 44 श्रम कानून बनाए गए थे उन श्रम कानूनों को सरकार द्वारा खत्म किया गया है किसानों को समर्थन मूल्य अभी तक नहीं दिया गया साथ ही जो देश की परिसंपत्तियों है उन्हें निजी हाथों में बेचने की केंद्र सरकार द्वारा साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतें दिन पतिदिन बढ़ रही है जबकि मजदूरों की दिहाड़ी नहीं बढ़ाई जा रही है।
Labours Protest for Labour Law in Nahan
जिसके कारण आम आदमी को गुजारा करना मुश्किल हो गया है।(Labours Protest for Labour Law in Nahan) राजेंद्र ठाकुर ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो अंशकालिक और आउटसोर्स के तहत कर्मचारी रखे जा रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए क्योंकि यह कर्मचारी नियमित तौर पर कार्य कर रहे हैं। साथ ही न्यूनतम वेतन 21000 रुपये करने और पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर भी मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि कोरोना काल के दौरान जो मजदूरों को नुकसान हुआ है उसकी भरपाई 7500 रुपए प्रति मजदूर देकर की जाए। साथ ही मनरेगा के बजट को सरकार द्वारा जो कम किया गया है उसका भी ट्रेड यूनियनों द्वारा विरोध किया गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार उनसे इन मुद्दों पर बात नहीं करेगी तो आने वाले समय में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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