होम / Lake in himachal pradesh: हिमाचल में पौराणिक महत्व को समाहित की हुई झील, जानिए रहस्यमयी इतिहास

Lake in himachal pradesh: हिमाचल में पौराणिक महत्व को समाहित की हुई झील, जानिए रहस्यमयी इतिहास

• LAST UPDATED : March 23, 2023

Lake in himachal pradesh: हिमाचल प्रदेश को वादियों का प्रदेश माना जाता है। हिमाचल में चंद्रताल झील इन्ही वादियों में स्थित है। यह झील लाहौल घाटी के अनंत आकाश में जगमगाती स्वर्ग की बूंदें ऊबड़-खाबड़ पथरीले पहाड़ों के बीच कांच की तरह चमकती है। चंद्रताल झील अतियथार्थवाद का प्रतीक है। ठंडी हवा और बौद्ध प्रार्थना झंडों के फड़फड़ाने के बावजूद, यह झील बहुत से रहस्य को समाहित की हुई है। लाहौल और स्पीति की असली लेकिन जादुई स्थलाकृति के बीज इसके रहस्यों को देखा जा सकता है। इसके चंद्रताल नाम से ही पता चलता है कि चंद्रमा के आकार की चंद्रमा की झील लोककथाओं और सीधे रहस्य से जुड़ी है, जो लोगों की रुचि को भी बढ़ाती है।

  • हिमाचल की ऐसी झील जिसका रहा है रहस्यमयी इतिहास
  • झील में कांच की तरह चमकता है पानी
  • इस झील को महाभारत से जोड़कर देखा जाता है
  • मनाली से 140 किलोमीटर दूरी पर है चंद्रताल झील

जानिए चंद्रताल झील का इतिहास

चंद्रताल झील को हिंदू धर्म की पवित्र झील में से एक माना जाता है। यह झील अपने पवित्र जल से हिंदू भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। यह हिमालयी नदी चंद्रा का स्रोत है, जो चिनाब की सहायक नदियों में से एक है। सुनने में चाहे जैसा भी लगे लेकिन चंद्रताल झील की पौराणकि कथाओं को समाहित किए हुई है। इस झील का को महाभारत से भी जोड़कर देखा जाता है।

चंद्रताल झील का धार्मिक महत्व

चंद्रताल झील का उल्लेख हिंदू पौराणिक कथाओं में भी देखने को मिलता है। इस झील के बारे में माना जाता है कि यह कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध में पांडवों की तरफ से कोरवों को हराने के बाद पांचों पांडव की अंतिम यात्रा को संदर्भित करता है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के बाद जैसे ही पांडव स्वर्ग की ओर बढ़ने लगे तो वे सभी मर गए, उनमें से केवल युधिष्ठिर ही बचे। ऐसा कहा जाता है कि इसी झील से युधिष्ठिर को भगवान इंद्र ने उठा लिया था।

yudhistira and yaksha

चंद्रताल झील जाने का रास्ता

चंद्रताल झील के करीब में सबसे बड़ा मनाली है। मनाली चंद्रताल झील से 140 किलोमीटर दूर है। एडवेंचर मनाली में सुबह जल्दी शुरू हो जाता है। इसमें रोहतांग दर्रा पार करने के साथ-साथ ग्रम्फू, छतरू और बटाल में स्टॉप है। दूसरा विकल्प सुबह बस के द्वारा काजा से बटाल जाना है। चंद्रताल झील बटाल से 15 किलोमीटर दूर है। यहां से झील तक जाने के लिए टैक्सी बुक करके जा सकता है।

इसे भी पढ़े- Himachal pradesh: अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा-आयोग की योजनाओं का हो व्यापक प्रचार-प्रसार

SHARE
ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox