इंडिया न्यूज, शिमला।
Four Lane from Kaithlighat to Dhalli : प्रदेश की राजधानी शिमला के साथ लगती 7 पंचायतों के भूमि अधिग्रहण प्रभावित परिवारों ने रविवार को हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर के नेतृत्व में बैठक कर भू-अधिग्रहण से जुड़े मामले पर गंभीरता से मंथन किया।
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की इस बैठक में पंचायतों से आए प्रभावित सदस्यों ने बताया कि भूमि वर्ष 2016 से अधिकृत की गई लेकिन पैसा वर्ष 2013 के आधार पर कम दिया गया है।
इसके साथ अभी तक भी स्थिति, डिमार्केशन, नक्शा आदि स्पष्ट नहीं है। सिंचित, असिंचित, घासनी, बंजर जमीन के लिए एक ही रेट तय किया गया है, जबकि यह अलग-अलग होना चाहिए था। अभी तक कई बार इसके सर्वे को बदला जा चुका है।
प्रभावित लोगों का कहना था कि किसी भी एजेंसी द्वारा लोगों को फोरलेन के विभिन्न मापदंडों एवं प्रावधानों बारे जागरूक नहीं किया जा रहा है जिससे लोगों में स्पष्टता नहीं है।
सरकार द्वारा भी इस संबंध में कोई प्रयास सिरे नहीं लगाए जा रहे, जबकि 14 दिसम्बर को धर्मशाला में प्रभावित मंच को दिए गए आश्वासन के मुताबिक कोई जन सुनवाई इस बारे नहीं की गई।
चर्चा में भाग लेते हुए प्रभावित लोगों ने कहा कि फोरलेन के दोनों तरफ उनकी जमीन है, जबकि पानी, बिजली, रास्तों, पशुओं की आवाजाही तथा लोगों के अधिकारों की सुरक्षा बारे कोई स्पष्टता नहीं है।
बैठक में कहा गया कि इस संबंध में जल्द ही पंचायतों के प्रभावित लोग राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण एवं प्रदेश सरकार से एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा जो अपनी मांगों को लेकर अवगत करवाएगा।
बैठक में डा. तंवर ने प्रभावित किसानों को वर्ष 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून से लेकर वर्ष 2013 में किए गए महत्वपूर्ण बदलाव के तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की तथा विभिन्न प्रावधानों को सदस्यों के समक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015 में कांग्रेस की सरकार ने इस कानून को लागू करते हुए फैक्टर-1 के आधार पर जमीन का मुआवजा तय किया, जबकि केंद्रीय कानून में यह फैक्टर-2 दिया जा सकता था।
वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही वर्ष 2018 में इसकी समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया तथा किसानों को फैक्टर-2 के आधार पर मुआवजा देने की बात की।
डा. तंवर ने जानकारी दी कि कैथलीघाट से ढली तक बनने वाले फोरलेन की दूरी 27 किलोमीटर है जिसे बनाने के लिए 3,223 करोड़ रुपए अनुमानित लागत होगी।
इसमें 24 डम्पिंग स्थान होंगे तथा 30 पुल बनेंगे। उन्होंने बताया कि अभी तो फोरलेन बनने में ही कई साल लग जाएंगे।
उसके बाद इसे व्यवस्थित करने में कई वर्ष लगेंगे इसलिए लोगों को अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक मंच पर आकर संघर्ष करने की आवश्यकता है क्योंकि मिलकर चलने में ही सबका हित है।
इस बैठक में चम्याणा, मल्याणा व पुजारली की पंचायत कमेटियों का भी गठन किया गया। साथ ही 7 पंचायतों की केंद्रीय कमेटी का विस्तार किया गया।
इसमें जयशिव ठाकुर संयोजक, नेकराम सह संयोजक तथा बाबू राम वर्मा, रमेश ठाकुर, नरायण, जय चंद, राकेश, मदन ठाकुर, राजेंद्र, मोहन सिंह, खेम चंद, दलीप, परमानंद शर्मा, विजय, किशन शर्मा, योगराज शर्मा, योगेश शर्मा को कमेटी सदस्य शामिल किया गया।
इस अवसर पर गोविंद चतरांटा, सत्यवान पुंडीर, रामकृष्ण शांडिल, पंचायत प्रधान रीता, उपप्रधान यशपाल वर्मा, सुरेश पुंडीर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। Four Lane from Kaithlighat to Dhalli
Read More : हिमाचल प्रदेश में सड़कों की हालत कब सुधरेगी When will the Condition of Roads Improve in Himachal Pradesh
Read More : धौलाधार पर हिमपात Snowfall on Dhauladhar
Read More : रावी नदी में कार गिरने से 3 युवकों की मौत 3 Killed in Car Fall in Ravi River