इंडिया न्यूज़, पालमपुर:
मानवता की भलाई में एकसाथ मिलकर कार्य करने में व्यापक आधार: कुलपति एच.के.चैधरी
Melbourne University Delegation Accesses Himachal: चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेष कृषि विश्वविद्यालय और मेलबोर्न विश्वविद्यालय के बीच परस्पर सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए आस्ट्रेलिया से स्कूल आफ एगरीकल्चर के प्रो0 फ्रैंक आर दुनषिया और डा0 एस0 एस0 चैहान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल कृषि विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचा। मेजबान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एच0 के0 चैधरी ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच आपसी सहयोग, शोध परियोजनाओं,कर्मियों व विद्यार्थियों का आदान-प्रदान ऐसे कार्यक्रम है जिनके बीच आपस में कार्य किए जा सकते है। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान कृषि और पशु चिकित्सा अनुसंधान में, तीव्र और सुक्ष्म प्रजनन, फसल सुधार के लिए जीनोम द्वारा प्रजनन, स्र्माट फारमिंग, डन्न्ोन का उपयोग, रोबोटिकस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि कार्यो में शामिल हो सकते है।
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इसके अतिरिक्त कृषि, शहरी कूड़ा प्रबंधन, पशु चिकित्सा व रोगों के खिलाफ वैक्सीन और उनके उपचार, पषुओं की देषी नस्लों का इम्यूनोजेनेटिक लक्षण का ब्यौरा भी शामिल हो सकता है। प्रो0 चैधरी ने वर्ष 2014 के दौरान अपनी मेलबोर्न विश्वविद्यालय के भम्रण के दौरान यादों को भी सांझा किया। उन्होंने कहा कि मानवता की भलाई के लिए परस्पर सहयोग का सुझाव दिया। उन्होंने सहयोगात्मक कार्यक्रमों के लिए कई विदेशी विश्वविद्यालयों को निमंत्रण दिया है।
प्रो0 फ्रैंक0 आर0 दुनशिया और डा0 एस0 एस0 चैहान ने वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को अपने संबोधन में 1853 में स्थापित मेलबोर्न विष्वविद्यालय और भारत के साथ चल रहे सहयोग के बारे में विस्तार से बताया।(Melbourne University Delegation Accesses Himachal) उन्होंने पशु चिकित्सा और कृषि विज्ञान की सुविधाओं और क्षमताओं व पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के साथ सहयोग की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों को अपने संस्थान में आमंत्रित किया।
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प्रतिनिधिमंडल ने मोलिक्यूलर साइटोजेनेटिक्स एंड टिष्यू कल्चर लैब,फूड साईस डिर्पाटमेंट, न्यूटेªशन एंड टैक्नोलजी, लाइवस्टाॅक फार्म कांप्लैक्स, वैटनरी क्लीनिकल कांप्लैक्स आदि का भी दौरा किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के संविधिक अधिकारियों के साथ दोनों संस्थानों के बीच पारस्परिक हितों को लेकर भी मंत्रणा की। अनुसंधान निदेशक डा0 एस.पी.दीक्षित ने इस दौरान शैक्षणिक, अनुसंधान व प्रसार गतिविधियों को लेकर एक वक्तव्य भी रखा।