इंडिया न्यूज, धर्मशाला।
उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण जिंदल (Deputy Commissioner Kangra Dr. Nipun Jindal) ने कहा कि आपदाओं और कोविड-19 (Covid-19) जैसी महामारियों का जितना प्रभाव समाज के शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, उससे कहीं ज्यादा व्यापक प्रभाव लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर होता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन इस विषय पर सभी विभागों के पदाधिकारियों व आमजन को जागरूक बनाने के प्रयास कर रहा है।
इसी क्रम में मानसिक स्वास्थ्य (mental health) व मनो-सामाजिक समर्थन (psychosocial support) पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला (training workshop) का आयोजन 26 से 28 अप्रैल तक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कांगड़ा (District Disaster Management Authority, Kangra) द्वारा आपदा जोखिम प्रबंधन पर कार्यरत स्वैच्छिक संस्था डूअर्स के साथ मिलकर उपायुक्त कार्यालय के सभागार में किया जा रहा है।
इस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा कि मनो-सामाजिक सहायता और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का ध्येय आपदा प्रभावित लोगों का कुशलक्षेम बहाल करना है।
मनो-सामाजिक सहायता से वास्तविक और अनुभव की गई तनाव के स्तर को कम करने और आपदा प्रभावित समुदायों पर होने वाले मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रतिकूल परिणामों की रोकथाम में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और मनो-सामाजिक सहायता को सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं के महत्वपूर्ण अंग के रूप में अबाध रूप में चलने वाला समझा जाता है।
मनो-सामाजिक सहायता में सामान्यत: बड़े मुद्दे जैसे राहत कार्य द्वारा लोगों की मनो-सामाजिक सुरक्षा, कुशलक्षेम को बढ़ाना, आवश्यक जरूरतों की आपूर्ति, सामाजिक संबंधों की बहाली, मुकाबला करने की क्षमता में वृद्धि और उत्तरजीवी लोगों में शांति बहाली सभी आते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का उद्देश्य वैसे हस्तक्षेप से है जिसमें मनोवैज्ञानिक और मनोरोग के लक्षण या विकार की चिकित्सा और रोकथाम आएंगे।
उपायुक्त ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ से जुड़े विषय को गंभीरता से लेने और इस पर अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए अपने समुदाय में इसके बारे में जानकारी का प्रसार करने का आग्रह किया।
तकनीकी सत्र से पहले जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कांगड़ा में कार्यरत प्रशिक्षण एवं क्षमता वृद्धि समन्वयक भानु शर्मा ने उपायुक्त कांगड़ा और डूअर्स शिमला से आए विशेषज्ञों नवनीत यादव व अनुराधा का धन्यवाद करते हुए कहा कि जिले में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ही नहीं, बल्कि सभी सरकारी विभागों व जिले में कार्यरत सभी गैर-सरकारी संस्थाओं को इस विषय से संबंधित जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करना होगा।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी जोकि देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आपदाओं के मनोसामाजिक प्रभावों से निपटने के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक समर्थन कार्यशाला का शुभारंभ
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