इंडिया न्यूज, मंडी।
नगर निगम मंडी (Municipal Corporation Mandi) में अब जनता को बढ़ा हुआ सम्पत्ति कर (property taxes) देना होगा। नगर निगम ने टैक्स में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।
नगर निगम मंडी में सम्पत्ति कर को लेकर बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता नगर निगम की महापौर दीपाली जसवाल ने की।
महंगाई से जूझ रहे मंडी के लोगों को नगर निगम ने चुनावी साल में बड़ी राहत दी है। यहां सम्पत्ति कर में केवल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जबकि नगर निगम में नए शामिल क्षेत्रों से कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा।
नगर निगम की महापौर दीपाली जसवाल ने बताया कि 6 वर्षों के बाद मंडी क्षेत्र के ए, बी, सी जोन में सम्पत्ति कर में केवल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है और डी जोन में गरीब तबके के लोग आते हैं, उनके सम्पत्ति कर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि डी जोन में जो कर वर्ष 2017 में लिया जाता था, वही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम में जो नए क्षेत्र सम्मिलित किए गए हैं, उनसे 3 साल तक कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा।
नगर निगम के दायरे में आने वाले करीब 8 हजार निजी और सरकारी भवन (private and government buildings) एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों (business establishment) से पौने 2 करोड़ के आसपास सम्पत्ति कर वसूला जाता है।
शहर को पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को नगर निगम मंडी ने एक प्रस्ताव भेजा है जिसकी मंजूरी मिलते ही जल्द ही नगर निगम मंडी में गौ अभ्यारण्य बनाया जाएगा। नगर निगम मंडी ने 5 प्रतिशत बढ़ाया सम्पत्ति कर
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