इंडिया न्यूज़, धर्मशाला:
“National Education Policy-2020 and Sociology in the context of Indian knowledge tradition” was launched Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के परिपेक्ष में समाजशास्त्र” का शुभारम्भ दिनांक 07 मई, 2022 को किया गया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय, विद्या भारती हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान से दिनांक शनीवार व रविवार को आयोजित की जा रही है।
इस कार्यशाला का उद्घाटन शनीवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 आलोक पांडे, प्रो0 बी0 बी0 मोहंती, देशराज शर्मा, प्रो0 प्रदीप कुमार तथा डॉ0 गिरीश गौरव मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के प्रथम दिन 3 तकनीकी सत्र रहे।
पहले सत्र का विषय “Defining India in Indian Sociology” जिसके वक्ता प्रो0 बद्री नारायण और प्रो0 नारायण सिंह राव एवं मोडरेटर राकेश एम कृष्णा रहे।
दूसरे सत्र का विषय ‘Beyond Comte, Is Indology the Pathway to Indigence जिसके वक्ता प्रो0 आर0 राजेश तथा प्रो0 सुभद्रा चन्ना एवं मोडरेटर डॉ0 सुभ्रा रजत रहे।
तीसरे सत्र का विषय Sources and Methods for Understanding Indian Society जिसके वक्ता प्रो0 दीप्ति श्रीवास्तव, प्रो0 बी0बी0 मोहंती व डॉ0 फिर्मी बोडो एवं मोडरेटर रीना देवी रहे।
कार्यक्रम के दूसरे दिन-रविवार को 4 तकनीकी सत्र रहेंगे, जिसमें प्रथम सत्र का विषय Preparing Sociology for Future (Climate change) जिसके वक्ता प्रो0 आर0 राजेश, प्रो0 अरविन्द कुमार जोशी तथा मोडरेटर रीना शर्मा रहेंगे।
दूसरे सत्र का विषय Strategies for Linking Indian and Global Sociology जिसके वक्ता प्रो0 एम0 नागलिंगम, राकेश कृष्णन तथा मोडरेटर डॉ0 शशि पूनम रहेंगे।
तीसरे सत्र का विषय Sociology at Schools – Questions of Curriculum and Pedagogy जिसके वक्ता डॉ0 जे0 एस0 पाण्डेय, डॉ0 रामानंद, भरत तथा मोडरेटर कीर्ति शर्मा रहेंगे।
चतुर्थ सत्र का विषय Indian Sociology जिसके वक्ता प्रो0 बद्री नारायण, प्रो0 सत प्रकाश बंसल, कुलपति, रघुनन्दन, डॉ0 हरमोहिंदर सिंह बेदी, कुलाधिपति, प्रो0 प्रदीप कुमार तथा मोडरेटर डॉ0 संजीत कुमार रहेंगे। कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 विशाल सूद, कुलसचिव द्वारा दिया जायेगा।
इस दो दिवसीय कार्यशाला में हिमाचल के अलावा विभिन्न प्रदेशों से प्रोफेसर, शोधकर्ताओं और छात्र-छात्राओं द्वारा भाग लिया जाएगा।