इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)
स्मार्ट सिटी धर्मशाला में अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वालों की अब खैर नहीं है। नगर निगम धर्मशाला ने अतिक्रमणकारियों के साथ-साथ अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अब सख्ती बरतने के साथ-साथ कारवाई भी शुरू कर दी है। दाड़ी और नोरबलिंगा चैक में चुनावी बेला में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण करने के मामले पकड़ने के बाद इन्हें रोक दिया है, वहीं पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज में भी अवैध रूप से लगाई जा रही रेहड़ी-फड़ी वालों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हालांकि, इसके अगले ही दिन रेहड़ी-फड़ी यूनियन संबंधित सीटू मैक्लोडगंज और धर्मशाला के पदाधिकारियों ने सीटू के पदाधिकारियों के नेतृत्व में निगम के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। इसके चलते अब रेहड़ी-फड़ी यूनियन और निगम प्रशासन ही आमने-सामने आ गया है।
रेहड़ी-फड़ी यूनियन का आरोप था कि टाउन वेंडिंग कमेटी जिसमें जिला प्रशासन, नगर निगम सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल होते हैं उसकी तीन साल से बैठक ही नहीं बुलाई गई है। यदि बैठक बुलाई जाती तो उन्हें इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
हर दिन अलग-अलग प्रशासन की टीमें उन्हें उजाड़ने पहुंच जाती हैं। इसीलिए उन्होंने प्रशासन के माध्यम से मांग उठाई है कि जल्द से जल्द बुलाई जाए। वे शहर के सुंदरीकरण के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उन्हें भी तो पहले उचित स्थान मुहैया कराया जाए, जिससे वे वर्षों से रेहड़ी-फड़ी लगाकर परिवार का जो पालन-पोषण कर रहे हैं, उसे बदस्तूर जारी रख सकें।
शहर में अवैध निर्माण करने वालों की सूची नगर निगम ने तैयार कर ली है। हालांकि इनमें से कई ऐसे निर्माण कार्य भी हैं, जिन्हें पहले ही हटा दिया गया है, लेकिन जो शेष हैं अब उन्हें हटाने के लिए कार्रवाई नगर निगम की ओर से सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही उन्हें पुनः अवैध निर्माण न करने की भी चेतावनी दी जाएगी।
नगर निगम धर्मशाला की ओर से अवैध निर्माण को लेकर तैयार की गई सूची में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण भागसूनाग में हैं। यहां 15 अवैध निर्माण हुए हैं जबकि कोतवाली बाजार में 12 और सिद्धपुर में दस जबकि महापौर के वार्ड मैक्लोडगंज में सात अवैध निर्माण हैं।
इसके अलावा फरसेठगंज में पांच, कश्मीर हाउस में पांच, खजांची मोहल्ला में छह, सचिवालय वार्ड में चार, खेल परिसर में एक, यामनगर में चार, सकोह में चार, रामनगर में दो, बड़ोल में छह, दाड़ी और कंड में आठ-आठ, खनियारा में दो और सिद्धबाड़ी में एक अवैध निर्माण हैं। वहीं हटाए गए अवैध निर्माण की संख्या 16 है, जिसमें सबसे ज्यादा भागसूनाग में 14 जबकि बड़ोल और दाड़ी में एक-एक अवैध निर्माण शामिल है।
अवैध निर्माण का सबसे पहले दाड़ी में मामला सामने आया था। जिसके बाद निगम के आयुक्त ने टीम गठित कर शहर के सभी वार्डों में अवैध निर्माण की सूची बनाने के निर्देश जारी किए थे और उसके बाद इस दिशा में अपनी कार्रवाई शुरू की थी। 16 निर्माण कार्यों को हटाने के साथ अन्य सभी मामलों में नगर निगम की ओर नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
स्मार्ट सिटी में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए जो भी अतिक्रमणधारी और अवैध निर्माण में जुटे लोग हैं वह इस कार्य को छोड़ दें, क्योंकि अब निगम कारवाई का डंडा चलाएगी, जिसकी शुरूआत की जा चुकी है।
स्मार्ट सिटी में अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। 16 मामलों में अवैध निर्माण हटाए जा चुके हैं जबकि शेष मामलों में नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इन पर भी जल्द ही कारवाई अमल में लाई जाएगी।