इंडिया न्यूज, शिमला, (Of Old Leaders) : उम्रदराज नेताओं की हिमाचल प्रदेश की सियासत में दमदार असर देखा जा है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के उम्रदराज नेताओं ने एक माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। हालांकि अभी किसी भी राजनीतिक दल ने टिकटोें पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। इसके बावजूद ये नेता फील्ड में दिन-रात पसीना बहा रहे हैं।
सोलन से वयोवृद्ध कांग्रेस के विधायक डॉ. धनीराम शांडिल 82 साल के हैं। वह वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वे सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। जीवन में इतना सब कुछ करने के बावजूद भी वह इस बार फिर सोलन से चुनावी रण में होंगे। वह सेना से कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्ही की तरह एक और सेवानिवृत्त कर्नल इंद्र सिंह सरकाघाट से भाजपा विधायक हैं।
कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रह चुके गंगूराम मुसाफिर भी अपना 77वां बसंत पार कर चुके हैं। वह पिछली बार चुनाव हार गए थे, इसके बावजूद वह इस बार चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इसी तरह गत चुनाव हार चुके वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर द्रंग से एक बार और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वह तो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी शुमार रहे हैं।
कुल्लू के पूर्व विधायक महेश्वर सिंह 73 वर्ष की आयु में फिर से चुनाव लड़ने का मन बना लिए है। वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के राज्य मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की उम्र 72 साल हो चुकी है। वह अपने परंपरागत विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर से एक और चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। महेंद्र सिंह निर्दलीय, कांग्रेस, हिविकां और भाजपा से विधायक रहे हैं।
वह हिमाचल की राजनीति के चाणक्य रहे स्वर्गीय पंडित सुखराम के सहयोग से बनी धूमल सरकार में भी मंत्री रहे हैं। जयराम सरकार के दूसरे वरिष्ठ मंत्री सुरेश भारद्वाज 70 साल के हो चुके हैं। वह शिमला शहर से चुनाव लड़ने के लिए पूरी बिसात बिछा चुके हैं। चंबा से भाजपा विधायक पवन नैयर 70 साल के हैं और वह भी दोबारा विधायक बनने के लिए इन दिनों खूब पसीना बहा रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो पूरे हिमाचल प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं की भरमार है।
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