इंडिया न्यूज, पालमपुर (Palampur-Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा प्रसिद्ध औक्सफेन इन्टरनैशनल रिपोर्ट (Oxfen International Report) के अनुसार भारत में एक प्रतिशत सबसे अधिक अमीरों के पास देश की कुल सम्पत्ति का 40 प्रतिशत है और देश के सबसे नीचे के 50 प्रतिशत गरीबों के पास देश की सम्पत्ति का केवल तीन प्रतिशत है।
इसका सीधा सा अर्थ यह है कि देश की सम्पत्ति के सौ रू0 में से 40 रू0 एक अमीर के पास है और नीचे के सबसे गरीब एक व्यक्ति के पास केवल 6 पैसे है।
उन्होने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि विकास के साथ आर्थिक विषमता भी बढ़ती जा रही है। इस रिपोर्ट ने भारत की भयंकर आर्थिक विशमता पर प्रकाश डाला है।
उन्होंने कहा एक तरफ इस विषमता के कारण भारत में लगभग 19 करोड़ लोग रात को भुखे पेट सोते हैं और दूसरी तरफ प्रतिवर्ष कहीं न कहीं चुनाव कराने पर भारत करोड़ों अरबों रू0 खर्च करता है।
उन्होने कहा इस वर्ष 2023 में 10 प्रदेशों के और अगले वर्ष 2024 में 7 प्रदेशों और लोकसभा का चुनाव होगा। इन दो वर्षों में 17 विधान सभाओं का चुनाव-यह चुनाव अलग-अलग समय पर होगें – जरा गहराई से सोचें-24 महीनों में 17 प्रदेशों के और फिर लोक सभा का चुनाव-इसका सीधा सा अर्थ है कि देश की सभी पार्टियां और सभी सरकारें इन चुनाव में पूरी तरह से उलझ जाएगी।
सरकारों का और पार्टियों का करोड़ों अरबों रू0 खर्च होगा और सारे का सारा समय और शक्ति केवल चुनाव पर लगानी पड़ेगी।
देश में बढ़ती गरीबी व बेरोजगारी से देश के युवा निराश हताश हो रहे हैं, जिसके कारण अपराध और आत्महत्यायें बढ़ रही हैं। भारत ऐसा अमीर देश बन गया, जिसमें कुछ गरीब भुखमरी में जी रहे हैं। राष्ट्र संघ रिपोर्ट के अनुसार विश्व के सबसे अधिक गरीब व भूखे लोग भारत में है, यदि यही हालत रही तो कहीं भारत का लोकतंत्र शीघ्र ही परलोकतंत्र न बन जाये।
उन्होंने कहा यदि 17 विधान सभाओं और लोक सभा का चुनाव इक्टठा एक बार किया जाए, तो देश का समय और करोड़ो अरबों रू0 की बचत होगी।
उन्होने कहा विश्व में ऐसा कोई देश नहीं है जो पूरे 5 वर्ष करोड़ों अरबों रू0 खर्च करके इस प्रकार चुनाव करवाता रहता है। विश्व के लोग सोचते होगें कि भारत में और कोई समस्या नहीं है इसलिए पूरे पांच साल भारत में चुनाव होते रहते है।
उन्होंने कहा आर्थिक विशमता बढ़ने के कारण गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है। भारत के विकास का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि एक तरफ अमीरी चमक रही है और दूसरी तरफ गरीबी सिसक रही है।
देश को और नेताओं को बहुत शीघ्र एक देश एक चुनाव का निर्णय करना चाहिए। पूरे देश के सभी चुनाव पांच साल में केवल एक बार किये जाए, जिससे करोड़ो अरबों रूपये और समय बचाया जाए। देश की पूरी शक्ति गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए लगाई जाए।