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गुणात्मक सुधार के लिए योजनाबद्ध आर्थिक विकास आवश्यक: भारद्वाज

• LAST UPDATED : May 6, 2022

गुणात्मक सुधार के लिए योजनाबद्ध आर्थिक विकास आवश्यक: भारद्वाज

इंडिया न्यूज, शिमला।

नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज (Minister of Planning, Parliamentary Affairs, Law and Cooperation Suresh Bhardwaj) ने कहा है कि गरीबी उन्मूलन (poor elimination) कर लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाने के लिए योजनाबद्ध आर्थिक विकास अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की विकास की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सहयोग प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, आवास, पीने की पानी की उपलब्धता, खाद्य, सड़क एवं पर्यावरण सुरक्षा 20 सूत्रीय कार्यक्रम का अहम भाग है।

वे जिला नियोजन एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम (District Planning and 20 Point Program) की समीक्षा बैठक (Review meeting) की अध्यक्षता कर रहे थे। शहरी विकास मंत्री ने बताया जिला नियोजन एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत विकेंद्रीकृत घटक योजना, पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना, मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना तथा विकास में जन सहयोग कार्यक्रम के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के पहली तिमाही के लिए 9 करोड़ 1 लाख रुपए के बजट को अनुमोदित किया गया है।

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण विगत वर्षों में बैठक संभव नहीं हो पाई।

विकेंद्रीकृत घटक योजना

उन्होंने विकेंद्रीकृत घटक योजना (decentralized component planning) के तहत वर्ष 2018-19 में 8 करोड़ 38 लाख 24 हजार, वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ 98 लाख 50 हजार, वर्ष 2020-21 में 11 करोड़ 99 लाख 26 हजार तथा वर्ष 2021-22 में 13 करोड़ 15 लाख 88 हजार के बजट को भी अनुमोदित किया।

पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में 9 करोड़ 2 लाख, वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ 4 लाख, वर्ष 2020-21 में 11 करोड़ 88 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 12 करोड़ 32 लाख रुपए के बजट का अनुमोदन किया गया।

मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना (Chief Minister Gram Path Yojana) के तहत वर्ष 2018-19 में 72 लाख, वर्ष 2019-20 में 78 लाख, वर्ष 2020-21 में 87 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 95 लाख रुपए का बजट अनुमोदित किया गया।

विकास में जन सहयोग योजना (public cooperation scheme in development) के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में 3 करोड़ 17 लाख, वर्ष 2019-20 में 3 करोड़ 3 लाख, वर्ष 2020-21 में 3 करोड़ 36 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 6 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट अनुमोदित किया गया है।

उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकृत घटक योजना, पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना, मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना तथा विकास में जन सहयोग कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 4 हजार 931 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें से अब तक 1 हजार 771 योजनाओं का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष योजनाओं का कार्य प्रगति पर है।

मनरेगा योजना

शहरी विकास मंत्री ने बताया कि मनरेगा (MANREGA) योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 1,21,234, वर्ष 2019-20 में 1,24,915, वर्ष 2020-21 में 1,33,245 तथा वर्ष 2021-22 में 1,42,689 जोब कार्ड बनाए गए।

इसी योजना के तहत रोजगार सृजन में वर्ष 2018-19 में 20,51,182, वर्ष 2019-20 में 20,71,768, वर्ष 2020-21 में 33,78,660 तथा वर्ष 2021-22 में 41,02,946 कार्य दिवस सृजित किए गए।

मनरेगा के तहत वर्ष 2018-19 में 38 करोड़ 57 लाख 78 हजार रुपए, वर्ष 2019-20 में 38 करोड़ 31 लाख 75 हजार रुपए, वर्ष 2020-21 में 66 करोड़ 68 लाख 94 हजार रुपए तथा वर्ष 2021-22 में 82 करोड़ 12 लाख रुपए जोब कार्ड धारकों को दिए गए।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों के लिए रोजगार सृजन के कार्यों की अधिकारी पुन: समीक्षा करें।

उन्होंने नगर परिषद ठियोग, रामपुर, रोहड़ू व नगर पंचायत नारकंडा, जुब्बल, कोटखाई, सुन्नी, चौपाल, नेरवा तथा चिढ़गांव में राष्ट्रीय आजीविका मिशन व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों का भी जायजा लिया।

जल जीवन मिशन

सुरेश भारद्वाज ने बताया कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत हिमाचल प्रदेश विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन के उपरांत सम्पूर्ण राशि खर्च करने वाला पहला राज्य बनकर उभरा है।

उन्होंने जल शक्ति विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग के तहत अनुसूचित जाति घटक के तहत एंटी हेलनेट उपदान के लिए 2 करोड़ की राशि आबंटित कर 515 लाभार्थियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान लाभान्वित किया गया।

उन्होंने बताया कि विश्व बैंक के तहत 24 करोड़ की राशि 45 समूहों को सिंचाई व नई तकनीक के साथ पौधारोपण के लिए आबंटित किए गए जिससे 10 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के तहत कृषि उत्पाद संरक्षण योजना में 90 करोड़ 28 लाख रुपए व्यय किए गए। इस अवसर पर विधायक रोहित ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रप्रभा नेगी, पूर्व उप-महापौर राकेश शर्मा, गैर सरकारी सदस्य, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय शर्मा तथा विभिन्न विभागों के अध्यक्ष उपस्थित थे। गुणात्मक सुधार के लिए योजनाबद्ध आर्थिक विकास आवश्यक: भारद्वाज

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