इंडिया न्यूज, ऊना, (PM Modi’s Hamirpur Rail Line) : पीएम मोदी हमीरपुर रेललाइन की आधारशिला रखेंगे। पीएम के आधारशिला रखते ही केंद्रीय खेल व सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का सपना साकार हो जाएगा। पीएम नरेन्द्र मोदी कल 13 अक्टूबर को हिमाचल के एक दिवसीय दौरे के दौरान ऊना-हमीरपुर रेललाइन की आधारशिला भी रखेंगे।
इस रेललाइन पर चार स्टेशन बनेंगे। रेललाइन के निर्माण में 5930 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस लागत के कुल का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि 10 प्रतिशत प्रदेश सरकार वहन करेगी। इस रेललाइन का मामला अनुराग ठाकुर लगातार संसद में उठाते रहे हैं। उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाएंगे।
यह रेललाइन हमीरपुर जिले के नादौन हलके के कूहना (रंगस) तक पहुंचेगी। अभी रेललाइन का यहां तक सर्वे किया गया है। हमीरपुर तक रेललाइन पहुंचाने के लिए खर्च अधिक आने की वजह से इसकी दूरी 10 किलोमीटर कम की गई है। पहले यह दूरी 54 किलोमीटर थी। रेललाइन बनने से हमीरपुर जिले के लोगों को इससे काफी लाभ होगा। ऊना जिला की सोलहसिंगीधार धार में रेललाइन के लिए सबसे बड़ी सुरंग बनेगी।
परियोजना पर अधिक खर्च आने के कारण राज्य सरकार ने पीछे खींच लिए थे हाथ
इस परियोजना पर अधिक खर्च आने के कारण राज्य सरकार ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। अनुराग ठाकुर ने गत साल भी प्रदेश सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। उस समय प्रदेश को इसकी लागत का 25 प्रतिशत हिस्सा खर्च करना था, लेकिन सरकार के पास बजट न होने के कारण इस प्रोजेक्ट से अपना हाथ खींच लिया था।
अनुराग ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर फिर इसका सर्वे करवाने का आग्रह किया और प्रदेश सरकार पर इसकी लागत का भार कम करने का आग्रह किया था। उनके प्रयासों से ही अब प्रदेश सरकार को इसकी लागत का 10 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च करना पड़ेगा और 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार खर्च करेगी। इस रेलवे ट्रैक पर चार रेलवे स्टेशन बनना प्रस्तावित हैं। जिसमें ऊना जिला के बौल, धुंधला, कोडरा, व हमीरपुर के कूहना (रंगस) पर रेलवे स्टेशन हैं।
अभी रेललाइन का यही अंतिम स्टेशन है। हमीरपुर तक रेललाइन पहुंचने में अभी कुछ समय लगेगा। रेलवे के सूत्रों के अनुसार कूहना से आगे लागत अधिक होने से फिलहाल यहां तक रेललाइन पहुंचाने की योजना है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इसे आगे बढ़ाकर हमीरपुर तक पहुंचाया जाएगा। पहले रेललाइन 54.100 किलोमीटर प्रस्तावित थी लेकिन नए सर्वे में इसकी दूरी कुछ कम हुई है। अब करीब 10 किलोमीटर दूरी कम हो गई है। इस रेलवे ट्रैक के लिए बनने वाले रेलमार्ग में करीब नौ सुरंगे बनेंगी और 13 बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा।
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