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आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने घरेलू रोशनी के स्रोत जैसे एलईडी लाइट से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न किया

• LAST UPDATED : November 30, 2022

आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने घरेलू रोशनी के स्रोत जैसे एलईडी लाइट से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न किया

इंडिया न्यूज, मंड़ी (Mandi-Himachal Pradesh)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (iit mandi) के शोधकर्ताओं (researchers) ने एक नया फोटोवोल्टिक मटीरियल (photovoltaic material)  का विकास किया है जो घर पर रोशनी के किसी स्रोत जैसे एलईडी (led) या सीएफएल (cfl) की रोशनी के साथ इरैडियेट (irradiate) किए जाने पर बिजली उत्पन्न कर सकता है।

शोध के निष्कर्ष सोलर एनर्जी नामक पत्रिका (magazine called solar energy) में प्रकाशित (published) किए गए हैं।

आईआईटी मंडी के डॉ0 रणबीर सिंह (Dr. Ranbir Singh of IIT Mandi) और डॉ0 सतिंदर कुमार शर्मा (dr satinder kumar) ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) (National Institute of Solar Energy), गुरुग्राम के डॉ0 विक्रांत शर्मा (Dr. Vikrant Sharma of Gurugram), गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के डॉ0 विवेक कुमार शुक्ला (Dr. Vivek Kumar Shukla of Gautam Buddha University, Greater Noida) और नाॅर्थ टेक्सस विश्वविद्यालय, डेंटन, यूएसए के मृत्युंजय पराशर (Mrityunjay Parashar of the University of North Texas, Denton, USA) के साथ मिल कर यह शोध-पत्र प्रकाशित (research paper published) किया है।

यह शोध आईओटी टेक्नोलाॅजी (IoT technology) का आधार मजबूत करता है। आज के समाज में इस टेक्नोलाॅजी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल फोन (mobile phone), स्मार्ट होम (smart home) और अन्य एप्लीकेशंस (appliances) में आईओटी डिवाइस का उपयोग हो रहा है, जिसके लिए विभिन्न प्रकार के रीयल-टाइम डेटा (real time data) चाहिए।

इसके लिए जरूरी है कि आईओटी डिवाइस बिजली आपूर्ति के लिए विद्युत ग्रिड पर निर्भर हुए बिना स्वतंत्र रूप से काम करे जबकि वर्तमान में ऐसे डिवाइस को बिजली आपूर्ति प्राइमरी और सेकेंडरी बैटरी से होती है। लेकिन बैटरियां चाहे किसी प्रकार की हों सभी एक सीमित समय के बाद काम बंद कर देती हैं और ये न तो सस्ता हैं और न ही पर्यावरण के लिए सुरक्षित।

ऐसे डिवाइस को पावर देने के लिए प्रकाश से काम करने वाले पावर जनरेटरों के बेहतर विकल्प बनने की संभावना दिख रही है।

सोलर सेल सूरज की रोशनी से बिजली पैदा करते हैं, लेकिन चूंकि कई आईओटी का उपयोग घर के अंदर होता है इसलिए सोलर पावर एक विकल्प नहीं हो सकता है।

ऐसे में घर के अंदर मौजूद रोशनी के स्रोत से रोशनी प्राप्त करने की विधियां ढूंढ़ना कारगर विकल्प होगा जिसके माध्यम से घर के अंदर के विभिन्न डिवाइस जैसे सेंसर, गैजेट्स, वाई-फाई राउटर, आरएफआईडी रीडर इत्यादि से पर्याप्त पावर प्राप्त किया जा सकता है।

एक साथ कई संस्थानों की टीम ने मिल कर थिन-फिल्म फोटोवोल्टिक सेल विकसित किए हैं जो किसी प्रकार के प्रकाश से पावर पैदा कर सकते हैं। ये सेल्स पेरोवस्काइट्स पर आधारित हैं जो सूरज की रोशनी ग्रहण कर उससे पावर पैदा करने में सक्षम एक क्रिस्टल फैमिली है सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए लंबे समय से पेरोवस्काइट्स पर शोध किया जा रहा है।

शोधकर्ताओं की यह टीम नए पेरोवस्काइट मटीरियल का पता लगाने में कामयाब रही है जिनका उपयोग केवल सूरज की रोशनी नहीं बल्कि घर के अंदर के कृत्रिम प्रकाश के माध्यम से भी किया जा सकता है।

इस शोध के प्रौद्योगिकी पहलुओं के बारे में आईआईटी मंडी के डॉ. रणबीर सिंह ने बताया, ‘‘हम ने मिथाइलअमोनियम लेड आयोडाइड (एमएपीबीआई3) पेरोवस्काइट्स मटीरियल में फॉर्मैमिडीनियम (एफए$) कटायन का समावेश कर फोटोएक्टिव क्वैसी-क्यूबिक स्ट्रक्चर्ड पेरोवस्काइट मटीरियल का सिंथेसिस किया है।’’

पेरोवस्काइट्स के प्रकाश अवशोषण, माॅर्फोलाॅजी, चार्ज ट्रांस्पोर्ट और इलेक्ट्रॉन ट्रैप स्टेट्स का परीक्षण किया गया और घर के अंदर की रोशनी में डिवाइस की भौतिकी को विस्तार से देखा गया है।

फैब्रिकेशन से तैयार पीवी ने घर के अंदर की रोशनी में 34.07 प्रतिशत फोटोइलेक्ट्रिक कन्वर्जन क्षमता का प्रदर्शन किया।

फोटोइलेक्ट्रिक कन्वर्जन क्षमता के वैल्यू घर के अंदर उपयोगी श्रेणी-में-सर्वश्रेष्ठ पेरोवस्काइट्स के बराबर पाए गए हैं। प्रमुख शोधकर्ता का यह भी कहना है कि यह शोध कार्य फोटोवोल्टिक मटीरियल के विकास का संभावित विकल्प देता है, जो क्वासी-क्यूबिक पेरोवस्काइट्स का उपयोग कर घर के अंदर प्रकाश ऊर्जा का प्राप्त करेगा।

निकट भविष्य में घर के अंदर की रोशनी से ऊर्जा प्राप्त करने का चलन तेजी से बढ़ेगा क्योंकि स्वास्थ्य और स्वास्थ्य पर निगरानी रखने वाले एप्लीकेशन, स्मार्ट होम, लॉजिस्टिक्स, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग आदि स्मार्ट डिवाइस का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है।

 

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