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बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न करें अध्यापक – विपिन सिंह परमार

• LAST UPDATED : October 4, 2022

बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न करें अध्यापक – विपिन सिंह परमार

  • पुल का नामांकरण आम नागरिक रीना चैधरी के
  • नाम पर होना प्रदेश में पहला उदाहरण
  • रीना चैधरी स्मृति द्वार लोगों को समर्पित
  • विधान सभा अध्यक्ष ने गढ़ में नवाजे होनहार

इंडिया न्यूज, पालमपुर (Palampur-Himachal Pradesh)

विधानसभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गढ़ जमुला के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की और विद्यालय के मेधावी तथा विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया।

उन्होने कहा कि सुलह हलके में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया गया और सुलह को शिक्षा का हब बनाया गया है। उन्होंने अध्यापकों, छात्रों और अभिभावकों को वार्षिक उत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि वार्षिक उत्सव में विद्यालय के मेधावी तथा उत्कृष्ट बच्चों को पुरस्कृत किया जा रहा है। इससे अन्य छात्रों में भी आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होती है।

अध्यापकों को देश के महापुरषों और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले लोगों की जीवनी पढ़ाने की अपील

परमार ने अध्यापकों से बच्चों को पढ़-लिखकर बड़ा इंसान बनने के साथ-साथ नेक और श्रेष्ठ भी बनने की आह्वान किया। उन्होंने अध्यापकों से बच्चों में राष्ट्रीयता एवं भारतीयता की भावना उत्पन्न करने की अपील की। उन्होंने अध्यापकों को देश के महापुरषों और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले लोगों की जीवनी पढ़ाने की अपील की, ताकि युवा पीढ़ी को ऐसे महापुरुषों के बलिदान और समाज के प्रति उनके योगदान की जानकारी प्राप्त हो सके।

उन्होने इस अवसर पर मुख्यमंत्री राहत कोष और ऐच्छिक निधि से 26 पात्र लाभार्थियों को 2 लाख 40 हजार की सहायता वितरित की। उन्होंने विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए 21 हजार रुपये देने की घोषणा की।

इसके पश्चात विधानसभा अध्यक्ष ने ग्राम पंचायत खरौठ में 7 लाख रुपए की लागत से निर्मित रीना चैधरी स्मृति द्वार का लोकार्पण किया। परमार ने कहा कि रीना चैधरी निर्धन किसान परिवार से संबंधित थी। पशुओं के लिये चारा लेने गयी रीना की मौत न्यूगल बहने से हो गयी थी।

उन्होंने कहा कि इस दुखद दुर्घटना से आहत होकर, उन्होंने झज्जर में पुल निर्माण का संकल्प लिया था ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि न्यूगल खड्ड पर साढ़े 4 करोड रुपए की लागत से पुल का निर्माण कर इसका नामांकरण स्वर्गीय रीना चैधरी सेतु के नाम पर किया गया है।

यह प्रदेश का पहला उदाहरण है कि किसी पुल नाम एक आम नागरिक के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि रीना चैधरी की स्मृति में विशाल स्मृति द्वार का निर्माण भी किया गया है ताकि आने वाली पीढ़ी को भी रीना चैधरी के बारे जानकारी हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि रीना सेतु बनने से सुलाह, भवारना, परौर इत्यादि क्षेत्रों की दूरी भी कम हुई है।

उन्होंने इस अवसर पर 9 महिला मंडलो को गैस भट्ठियां भी वितरित की।

कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष देशराज शर्मा, स्वर्गीय रीना चैधरी के पति अशोक कुमार, पूर्व अध्यक्ष ज्ञान चन्द भाटिया, बीडीसी अध्यक्ष कुसुम लता चैधरी, बीडीसी सदस्य अनूप राणा, गढ़ जमुला के उपप्रधान घूंघर राम, प्रधान गढ़ निर्मला राणा, प्रधान जोबन राम गुलेरिया, चंद्रवीर कटोच, प्रधान रोजी राणा, बीडीसी सदस्य सुनीता चैधरी, विद्यालय के प्रधानाचार्य ध्रुब पटियाल राजेंद्र चैहान, मोनिका राणा, सुषमा भटड़िया, नीलम राणा, सुधा राणा, रजिंदर कटोच, विद्यालय के अध्यापक, छात्र अभिभावक और गणमान्य लोग उपस्थित हुए।

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