इंडिया न्यूज़, मंडी
VK Saraswat on IIT Mandi foundation day सामाजिक इंजीनियरी समाज विज्ञान की वह विधा है, जो उन कारकों का अध्ययन करती है जो समाज में बड़े स्तर के परिवर्तन करते हैं या कर सकते हैं। यह बात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के 13वें स्थापना दिवस पर नीति आयोग के सदस्य और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ0 विजय कुमार सारस्वत ने कही। वह बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सामाजिक इंजीनियर वैज्ञानिक विधि का उपयोग करते हुए सामाजिक तंत्र को समझते हैं, ताकि वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए समुचित विधि डिजाइन की जा सके। प्रौद्योगिकी की नई सीमाओं को बढ़ाने के लिए सीखने के लिए अंतरू विषय दृष्टिकोण आवश्यक है। दुनिया को अत्यधिक रचनात्मक इंजीनियरिंग स्नातकों की जरूरत है।
उन्होंने मेड इन इंडिया भूस्खलन निगरानी प्रणाली, फेस मास्क और निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के लिए एंटी-बैक्टीरियल, सेल्फ-क्लीनिंग सामग्री तैयार करने, ईंधन के स्थायी समाधान के लिए बायोमास से पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन के लिए आईआईटी मंडी के कार्यों की सराहना की। विशिष्ट अतिथियों के साथ शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान आईआईटी के बेहतर कार्य करने वाले स्टाफ और शोधार्थियों को भी नवाजा गया। (VK Saraswat on IIT Mandi foundation day)
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा, “आईआईटी मंडी ने पिछले एक दशक में कई विश्वस्तरीय केंद्र बनाए जैसे आधुनिक मटीरियल अनुसंधान केंद्र (एएमआरसी), बायो-एक्स और सी4डीएफईडी केंद्र जिसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर चिप्स का निर्माण है। हम आईआईटी मंडी को मुख्य रूप से शोध संस्थान बनाना चाहते हैं। ये सभी केंद्र मिल कर संस्थान और राष्ट्र के विकास में योगदान देंगे। मैं खुद रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षेत्र से होने के नाते स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और सुरक्षा क्षेत्र के लिए स्मार्ट समाधान विकसित करने में संज्ञान रोबोटिक्स और एचसीआई (मानव-कंप्यूटर संपर्क) के आधार पर विश्वस्तरीय, अत्याधुनिक प्रयोगशाला विकसित करने की योजना बना रहा हूं।”
प्रो0 लक्ष्मीधर बेहरा ने बताया, ‘‘निदेशक होने के नाते मुझे आत्मनिर्भर भारत बनाने और देश के सतत विकास के लिए जरूरी मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हमारा संस्थान सामाजिक विकास और देश की प्रगति में सक्रिय योगदान देगा। समय-समय पर हमारे समर्पित शिक्षक और विद्यार्थी मिल कर इस दिशा में काम करेंगे। मैं पिछले 13 वर्षों में आईआईटी मंडी के विकास में अहम् योगदान के लिए मंडी के जिला प्रशासन को भी धन्यवाद देता हूं।’’
उन्होने बताया कि आईआईटी मंडी के करियर और प्लेसमेंट सेल में शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए अब तक विभिन्न कंपनियों से इस महामारी के दौरान भी 224 जाॅब आफर दर्ज किए गए हैं। प्लेसमेंट के लिए 175 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। अब तक प्लेसमेंट सेल ने फुल टाइम इक्वीवैलेंट (एफटीई) हायरिंग के लिए 120 कंपनियों की मेजबानी की है। इनमे गूगल, माइक्रोसाॅफ्ट, एमेजन, एडोबे, फ्लिपकार्ट, ओरेकल, पेटीएम, क्वालकम, सिनाॅप्सिस, टेक्सस इंस्ट्रुमेंट, बीपीसीएल, बीईएल, एल एंड टी और डेलॉइट जैसे दिग्ग्ज कॉर्पाेरेट शामिल हैं।
संस्थान के 191 विद्यार्थियों को इंटर्नशिप का लाभ मिला है। इंटर्नशिप ड्राइव में कंपनियों ने 86 इंटर्नशिप दर्ज किए और प्लेसमेंट सेल ने 65 कंपनियों की मेजबानी की जिनमें वॉलमार्ट, उबेर, स्प्रिंकलर, अरिस्टा नेटवर्क, ज़ोमैटो, इंटेल, एनवीडिया और सीमेंस जैसे दिग्गज रिक्रूटर शामिल हैं।(VK Saraswat on IIT Mandi foundation day)
आआईटी मंडी ने महामारी वर्ष में भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, शिक्षा, उद्यमिता, अनुसंधान और विकास और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में तीव्र प्रगति की है। पिछले एक साल में संस्थान के शिक्षक 16 करोड़ से अधिक के 38 नए स्पांसर्ड प्रोजेक्ट और 15 कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट में शामिल रहे हैं जिनके लिए विभिन्न फंडिंग एजेंसियों से 88 लाख से अधिक की राशि निर्धारित है।
VK Saraswat on IIT Mandi foundation day
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