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12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में होंगे मतदान, 8 दिसंबर को आएंगे चुनाव के परिणाम

• LAST UPDATED : October 14, 2022

इंडिया न्यूज, शिमला, (Voting Will Be Held On November 12) : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित कर दिए गए है। चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव 12 नवंबर को होगा। आठ दिसंबर को चुनाव परिणाम के नतीजे घोषित किए जाएंगे। प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैें। उक्त चुनाव की रूपरेखा इस प्रकार है।

आधिकारिक नोटिफिकेशन की तारीख- 17 अक्टूबर
नामांकन-25 अक्टूबर
नामांकन की जांच-27 अक्टूबर
नामांकन वापसी-29 अक्टूबर
चुनाव की तारीख-12 नवंबर
मतगणना- 08 दिसंबर

हिमाचल प्रदेश में कुल 55 लाख हैं मतदाता

चुनाव आयोग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कुल 55 लाख मतदाता हैं। इनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हैं। इस बार के चुनाव में 67 हजार 532 सेवाकर्मी चुनाव संपन्न कराएंगे। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी 56,001 होंगे। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं। इसके साथ ही 1184 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है।

एक चरण में ही होगा चुनाव

मतदान के विषय में चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एक चरण में चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि हर मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही होगा। हिमाचल में इस बार कुल 55.07 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

कोविड प्रोटोकॉल के तहत कराया जाएगा चुनाव

चुनाव आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के नियमानुसार ही चुनाव कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नामांकन तक मतदाता जुड़ सकेंगे। चुनाव के दौरान सीमाएं सील कर दी जाएंगी।

इन लोगों को घर से ही दी जाएगी मतदान की सुविधा

चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग या कोविड संक्रमित लोग, जो मतदान करना चाहते है उन्हें पोलिंग बूथ तक न आकर उन्हें उनके घर से ही मतदान करने की व्यवस्था की जाएगी। ऐसे लोगों के घर आयोग उनके घर जाकर मतदान करने की सुविधा देगा।

चुनाव में बड़ा चेहरा पीएम मोदी का ही होगा

यहां भाजपा अपने मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। हालांकि, बड़ा चेहरा पीएम मोदी का ही होगा। जयराम ठाकुर के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंबेल सिंह कश्यप भी आगे हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह की अगुआई में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

गत चुनाव में भाजपा 44 सीटों पर की थी जीत हासिल

हिमाचल में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। 2017 में चुनाव के दौरान भाजपा 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 21, सीपीआई (एम) को एक सीट मिली थी। दो निर्दलीय प्रत्याशी विधायक बने थे, जिन्होंने बाद में भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया था। बाद में कुछ सदस्यों के निधन के बाद उपचुनाव भी हुए, जिसके बाद सियासी समीकरण में थोड़ा बदलाव हुआ।

निर्वाचन आयोग ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाई

चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है। समिति आदर्श आचार संहिता लागू होने की तारीख से अनुमति, स्पष्टीकरण के मामलों से संबंधित प्रत्येक प्रस्ताव की भारत निर्वाचन आयोग को भेजने से पहले जांच करेगी। कोई भी सरकारी विभाग अनुमति/स्पष्टीकरण के लिए मूल फाइल को सीईओ के कार्यालय में नहीं भेजेगा। इसके बजाय केवल स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से ही भेजा जाएगा।

मतदाताओं की संख्या में 2.21 फीसदी की वृद्धि, सुलह में सबसे ज्यादा

मतदाता सूची में 1,18,852 मतदाताओं की वृद्धि हुई है, जो 2.21 फीसदी ज्यादा है। मतदाता सूची को भी अंतिम रूप से प्रकाशित कर दिया गया है। अब तक राज्य में 67,532 सेवा मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। कांगड़ा जिले के सुलह विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 1,04,486 मतदाता हैं। लाहौल और स्पीति विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 24,744 मतदाता हैं। सभी मतदाता सूचियां वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सूची में पंजीकृत अपने नाम की जांच कर सकते हैं। यदि सूची में उनका नाम नहीं है या बदलाव की आवश्यकता हो तो फार्म-6 और फार्म-8 के माध्यम से सुधार किया जा सकता है।

प्रदेश में 1,63,925 नए मतदाता

मतदाताओं का लिंग अनुपात 978 से बढ़कर 981 हो गया है। 1,63,925 नए मतदाता पंजीकृत किए गए हैं। 16 अगस्त 2022 को चुनाव विभाग ने मतदाता सूचियों के प्रारूप प्रकाशन के समय राज्य में 53,88,409 मतदाता पंजीकृत थे। फोटो मतदाता सूची के संशोधन के बाद मृत्यु, स्थानांतरण और पंजीकरण के दोहराव के कारण 45,073 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।

आचार संहिता बहुत पहले हो जाना चाहिए था लागू

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि चुनाव आचार संहिता बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार की ओर से संसाधनों व सरकारी धन का खुल कर दुरुपयोग किया गया है। सरकारी कोष से रैलियों के लिए खर्चा किया गया और यह खर्च करीब 500 करोड़ रुपये हैं। रैलियों में सरकारी मशीनरी व एचआरटीसी बसों का जमकर दुरुपयोग हुआ। दो-दो हजार बसें रैलियों के लिए इस्तेमाल की गईं और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। सत्ता में आने पर कांग्रेस इसकी समीक्षा करेगी।

 

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